नई दिल्ली। पांच सौ और एक हजार रुपए के नोटों पर प्रतिबंध के बाद बैंकों और एटीएम के बाहर लोगों की लंबी कतारों से निपटने के लिए उद्योग संगठन एसोचैम ने बैंकों से सेवानिवृत्त तथा अन्य विभागों को कर्मचारियों को भी बैंक के कामकाज में लगाने की सलाह दी है। disburse money
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से एक अपील में एसोचैम ने कालाधन के खिलाफ कार्रवाई के तहत पुराने नोट वापस लेने के निर्णय की प्रशंसा करते हुए कहा जैसे आम चुनावों में विभिन्न विभागों के कर्मचारियों को चुनाव कार्य में लगा दिया जाता है, उसी प्रकार बैंकों के काम का बोझ बांटने के लिए भी विभिन्न प्रकार के कर्मचारियों की मदद ली जा सकती है। सबसे अच्छा विकल्प सेवानिवृत्त बैंक कर्मचारियों की तीन या छह महीने के अल्पावधि अनुबंध पर बड़े पैमाने पर भर्ती करना है।
उसने कहा कि भारतीय स्टेट बैंक तथा कुछ अन्य बैंकों ने सेवानिवृत्त कर्मचारियों को इस काम में लगाया है, लेकिन मौजूदा परिस्थितियों से निपटने के लिए यह प्रयास बड़े पैमाने पर होना चाहिए। अन्य बैंकों के सेवानिवृत्त कर्मचारियों की अस्थायी भर्ती भी मददगार हो सकती है। अंतत: सभी बैंकों का कामकाज लगभग एक समान होता है।
एसोचैम ने कहा कि अन्य वित्तीय सेवा कंपनियों जैसे बीमा आदि के क्षेत्र में काम करने वाले कर्मचारियों की भी मदद ली जा सकती है। उसने वरिष्ठ नागरिकों तथा बैंक से अनजान लोगों की मदद और आम सुरक्षा की जिम्मेदारी निजी एजेंसियों को आउटसोर्स करने की सलाह दी है।
एक हजार और 500 रुपये के पुराने नोट बंद किए जाने से देश भर में बाजार सूनसान पड़े हैं और कारोबारी गतिविधियां पिछले चार दिनों में बुरी तरह प्रभावित हुई हैं। अखिल भारतीय व्यापारी परिसंघ ने यहां बताया कि बाजार में ग्राहक काफी कम आ रहे हैं और व्यापारिक गतिविधियों में कमी आ रही है। परिसंघ ने केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली से आग्रह किया है कि बाज़ारों में नोटों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक कदम उठाये जाने चाहिये। परिसंघ ने सुझाव दिया है कि जिस तरह आयकर की रिटर्न दाखिल करने के लिए विशेष शिविर लगाये जाते हैं उसी प्रकार नोट उपलब्ध कराने के लिए बाज़ारों में व्यापार संगठन के सहयोग से शिविर लगाये जाने चाहिये।