श्रीनगर। लगातार 133 दिनों तक अलगाववादियों के बंद से बंधक बने आम कश्मीरियों को शनिवार को बंद से आजादी मिल गई और सड़कों पर सुबह सवेरे ही जिंदगी सरपट भागने लगी। न किसी जगह बंद का असर था और न किसी जगह प्रशासनिक पाबंदियां। अलबत्ता, बंद से आम जिंदगी को निजात प्रशासन ने नहीं दिलाई, बल्कि आम लोगों को अपने बंद की न फरमानी करते देख, अपनी सियासी दुकान बचाए रखने को खुद अलगाववादी खेमे ने दो दिन की राहत का एलान कर दी है। वहीं पाकिस्तान ने राजौरी के नौशहरा सेक्टर में एक बार फिर सीजफायर का उल्लंघन करते हुए भारी गोलाबारी की है। भारतीय सेना ने इसका मुंहतोड़ जवाब दिया है। normal life
गौरतलब है कि कश्मीर घाटी में गत आठ जुलाई की शाम को आतंकी बुरहान के मारे जाने के बाद से ही अलगाववादी खेमे द्वारा कश्मीर में सिलसिलेवार बंदऔर राष्ट्रविरोधी प्रदर्शनों का आयोजन किया जा रहा है। प्रशासन अपनी तमाम कोशिशों के बावजूद बंद को तोडऩे में नाकाम रहा। लेकिन लगातार बंद से तंग आए लोगों ने बीते एक माह से इसकी नाफरमानी शुरु कर दी थी और बंद सिर्फ दुकानों, सार्वजनिक वाहनों को शिक्षण संस्थानों तक सीमित होता जा रहा था। इससे अलगाववादी खेमें में भी खलबली मची हुई थी।
अलगाववादियों ने गत बुधवार को अपना नया हडताली कैलेंडर जारी करते हुए 24 नवंबर तक कश्मीर बंद को बढाते हुए 19/20 नवंबर को पूरे कश्मीर में बंद से राहत का एलान किया था। आज बंद में राहत का पहला दिन है और सुबह ही वादी में हर जगह सभी दुकानें और व्यापारिक प्रतिष्ठान खुल गए। हालांकि ठंड खूब थी, लेकिन सामान्य जिंदगी जीने की गर्मजोशी में वह कहीं काफूर होती नजर आई। कई जगह निजी सकूलों के छात्र भी अपनी वर्दियों में अपने स्कूलों की तरफ जाते नजर आए। सड़कों पर सार्वजनिक वाहन भी चल रहे हैं।
लालचौक में कश्मीर आर्टस की दुकान चलाने वाले जावेद अहमद ने कहा कि मैने कभी भी सामान्य हालात में अपनी दुकान सुबह 11 बजे से पहले नहीं खोली थी। लेकिन आज सुबह आठ बजे से दुकान पर हूं। बीते कुछ दिनों से शाम चार बजे बंद में राहत के बाद दुकान खोल रहा था, लेकिन काम ज्यादा नहीं था। आज सुबह दुकान खोलते ही ग्राहक आना शुरु हो गए। बड़े दिनों बाद आज पूरा दिन दुकान खोलने का मौका मिला है। उम्मीद करता हूं कि हुर्रियत वाले अपना हडताली कैलेंडर जल्द ही पूरी तरह समाप्त कर देंगे।