इजरायल और हमास के युद्ध के बीच नोबेल पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी ने 29 अन्य नोबेल पुरस्कार विजेताओं के साथ एक साझा बयान जारी किया है। इस बयान में उन्होंने युद्ध में सभी बच्चों के लिए दया की अपील की है।
इजरायल और गाजा के बच्चों के लिए तत्काल मानवीय सहायता की जरूरत की बात करते हुए उन्होंने संयुक्त बयान के माध्यम से ये सन्देश दिया है कि यदि हम ऐसा नहीं करते हैं तो हम खुद को सभ्य नहीं मान सकते।
कैलाश सत्यार्थी ने अपने इस साझा बयान में याद दिलाया है कि इजरायल और गाजा के सभी बच्चे हमारे बच्चे हैं और युद्ध के लिए उनकी कोई जिम्मेदारी नहीं है।
29 नोबेल पुरस्कार विजेताओं के साथ भारतीय नोबेल पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी ने शुक्रवार को इस संयुक्त बयान पर हस्ताक्षर किए हैं। बयान में यह भी मांग की गई है कि सभी बच्चों और कमजोर व्यक्तियों को तत्काल मानवीय मदद दी जानी चाहिए। साथ ही युद्धग्रस्त क्षेत्र में बच्चों के केवल एक समूह के लिए दया की बात किये जाने का इस बयान में खंडन किया गया है।
फिलिस्तीन के बच्चे हमारे बच्चे हैं। इजराइल के बच्चे हमारे बच्चे हैं। शांति और सुरक्षा बच्चों का ईश्वर प्रदत्त अधिकार है।आज हम 29 नोबेल पुरस्कार प्राप्तकर्ता आपसे 3 मामबत्तियां जलाने की अपील करते हैं।एक इजरायली बच्चों के नाम, दूसरी फिलिस्तीनी बच्चों के नाम, और तीसरी मानवता के नाम। pic.twitter.com/ZnsUpl7lhk
— Kailash Satyarthi (@k_satyarthi) October 20, 2023
इन नोबेल पुरस्कार विजेताओं ने अपहृत बच्चों की फौरी रिहाई के साथ इन सभी बच्चों के लिए एक सुरक्षित मार्ग का आह्वान किया है।
छह क्षेत्रों के लिए दिए जाने वाले नोबेल पुरस्कार विजेताओं ने सभी से इजरायल, फिलिस्तीन और उससे आगे स्थायी शांति के लिए इस अपील में सम्मिलित होने तथा मोमबत्तियां जलाने का आग्रह किया।
संयुक्त बयान में शुक्रवार की रात में तीन मोमबत्तियां जलाने की बात भी कही गई। इनमे एक इजरायल में मारे गए और अपहृत बच्चों के लिए, एक गाजा में बमबारी और लड़ाई में मारे गए और अपंग हुए बच्चों के लिए और एक इंसानियत और उम्मीद के लिए।