इज़रायल में एक पुरातात्विक स्थल पर पहियों के रूप में जाने जाने वाले कंकड़ का एक संग्रह खोजा गया है, इनमे छेद भी बना है। यह खोज रोटरी उपकरणों के विकास में एक प्रमुख मील का पत्थर है।
पीएलओएस वन (PLOS ONE) पत्रिका में पिछले महीने प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, खोज में एक पहिया और धुरी जैसा टूल दिखाया गया है जो रॉड को तेजी से और लंबे समय तक घूमने में मदद कर सकता था।
पहिए और चरखे के आकार की लकड़ी की डोनट जैसी वस्तु अपने समय का एक महत्वपूर्ण आविष्कार था जिसने तकनीकी प्रगति को बढ़ावा दिया। आश्चर्यजनक रूप से इसे कांस्य युग से भी पहले का बतया जा रहा है।
शोधपत्र के अनुसार, ये पत्थर उत्तरी इजराइल के नाहल-ईन गेव द्वितीय उत्खनन स्थल से प्राप्त हुए हैं जो लगभग 12,000 साल पुराने हैं। ये कृषि जीवन शैली की ओर महत्वपूर्ण परिवर्तन तथा नवपाषाण काल के समय के हैं, जो कांस्य युग के गाड़ी के पहियों से बहुत पहले के हैं।
पुरातत्ववेत्ता 1972 से ही इन चाकयुक्त, मुख्यतः चूना पत्थर से बनी कलाकृतियों को खोज रहे हैं, जो संभवतः पास के समुद्र तट पर कच्चे कंकड़ों से बनी हैं। येरुशलम के हिब्रू विश्वविद्यालय के याशुव और उनकी सहकर्मी लियोर ग्रॉसमैन ने नाहल ईन गेव II साइट (Nahal Ein Gev II archaeological site) पर 113 आंशिक या पूर्ण रूप से छिद्रित पत्थरों का अध्ययन किया।
खोज में पहिया और धुरी जैसा उपकरण दिखाया गया है जो बेंत को तेजी से और लंबे समय तक घूमने की में सहायक है, जिससे ऊन जैसे रेशों को प्रभावी ढंग से इकट्ठा किया जा सकता है।
3D स्कैनिंग से पता चला कि छेदों को एक फ्लिंट हैंड ड्रिल का उपयोग करके प्रत्येक तरफ से आधे रास्ते तक ड्रिल किया गया था, जो आधुनिक ड्रिल के विपरीत एक संकीर्ण और घुमावदार शंकु जैसी आकृति बनाता है। सीमे 3 से 4 सेंटीमीटर व्यास वाले छेद आम तौर पर कंकड़ के गुरुत्वाकर्षण के केंद्र से होकर गुजरते थे।
याशुव कहते हैं कि टीम को संदेह था कि औसतन 9 ग्राम वजन वाले ये पत्थर मोतियों के लिए बहुत भारी और “बदसूरत” थे और मछली पकड़ने के वजन के रूप में इस्तेमाल किए जाने के लिए बहुत हल्के और नाजुक थे। छेदों के चारों ओर उनके आकार, आकृति और संतुलन ने शोधकर्ताओं को आश्वस्त किया कि कलाकृतियाँ स्पिंडल व्हर्ल (spindle whorls) थीं।
उन्होंने कहा कि हड्डी और सींग की कलाकृतियों पर 1991 के एक अध्ययन में 20,000 साल पुराने व्हर्ल का पता चला है, लेकिन जिन शोधकर्ताओं ने उनकी जांच की, उन्होंने सुझाव दिया कि टुकड़े संभवतः सजावटी कपड़ों के सामान थे। फिर भी, यह संभव है कि लोग पहले भी व्हर्ल का उपयोग कर रहे थे, लकड़ी या अन्य जैविक सामग्रियों का उपयोग कर रहे थे जो तब से खराब हो गए होंगे।
अध्ययन किए गए इस पत्थरों को उत्तरी इज़रायल में एक साइट से बरामद किया गया था। शोध बताता है कि यह सामान लगभग 12,000 वर्ष पुराना है। जानकारों के मुताबिक़ ये सामग्री कृषि जीवन शैली और नवपाषाण काल के महत्वपूर्ण बदलाव के दौर की हैं, जो कांस्य युग के पहियों से पहले का है।
पत्थरों और उनके छेदों के डिजिटल 3डी मॉडल के आधार पर वस्तुओं का अध्ययन करने के लिए एक ख़ास तरीके का परिचय देते हुए, शोधकर्ताओं ने सौ से अधिक खोजे गए पत्थर के पहियों का वर्णन किया है।