मुंबई. मुंबई में भारी बारिश से शहर अस्त-व्यस्त है। मंगलवार को 9 घंटे में 12 इंच (एक फीट) बारिश हो गई। बुधवार को भी बारिश हो रही है। बारिश के चलते दो अलग-अलग मामलों में 5 लोगों की मौत हो गई। हालांकि आज हालात में मामूली सुधार है। लोकल ट्रेन की रफ्तार धीमी है। न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक, फ्लाइट्स की आवाजाही भी शुरू हो गई है। वेदर डिपार्टमेंट ने मुंबई और इसके आसपास के इलाकों में अगले 48 घंटों के दौरान भारी बारिश की चेतावनी दी है। इसे देखते हुए राज्य सरकार ने रेड अलर्ट जारी कर दिया है। बुधवार को यहां के स्कूल-कॉलेजों की छुट्टी कर दी गई है।
इस बारिश में मुंबई की लाइफलाइन कही जाने वाली लोकल ट्रेनों की आवाजाही पर असर पड़ा। हालांकि रातभर ठप रहने के बाद हार्बर लाइन और सेंट्रल लाइन शुरू हो गई हैं। वेस्टर्न रेल रूट पर ट्रेनें शुरू हो गई हैं। सेंट्रल रेलवे रूट पर भी कुर्ला से डोंबीवली के बीच लोकल चल रही है। मेट्रो सर्विस भी वर्सोवा और घाटकोपर के बीच शुरू हो चुकी है।
सायन, कुर्ला, चूनाभट्टी, माटुंगा सेंट्रल, ठाणे, मुलुंड, समेत कई रेलवे स्टेशनों पर सैकड़ों पैसेंजर्स फंसे हुए हैं। कई को आरपीएफ टीम ने रेस्क्यू भी किया है।मुंबई डब्बावाला एसोसिएशन के स्पोक्सपर्सन सुभाष तालेकर ने कहा कि बुधवार को घरों से डिब्बे कलेक्ट नहीं किए जाएंगे। लिहाजा उनकी सेवाएं बंद रहेंगी।
मुंबई के कई इलाकों में नेवी के जवानों ने लोगों को ब्रेकफास्ट बांटा। बेस्ट ने सीएसटी से ठाणे के लिए एक्स्ट्रा बसों को चलाने का फैसला लिया है। इस बीच वेदर डिपार्टमेंट के डीडीजी केएस होसलीकर ने कहा कि अगले कुछ घंटों तक मुंबई में बारिश नहीं होगी, क्योंकि बादल उत्तर की तरफ चले गए हैं।
मुंबई के एयरपोर्ट के पीआरओ के मुताबिक, वहां से फ्लाइट्स की आवाजाही अब नाॅर्मल हो गई है।
चेन्नई से सीखा मदद का हुनर, बच गईं सैकड़ों जान
मुंबई में 2005 जैसे हालात बनने से बच गए। इसकी वजह थी 12 साल पहले मिला सबक और दो साल पहले चेन्नई में आई बाढ़ में आजमाए मदद के सटीक तरीके। चेन्नई में करीब 350 मौतें हुई थीं और 18 हजार लोग विस्थापित हुए थे। तब लोगों ने एक-दूसरे की मदद कर बड़ा नुकसान बचाया था।