नई दिल्ली: बजट सत्र अभिभाषण में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा, गणतंत्र दिवस हमारा प्रमुख उत्सव है. उन्होंने कहा कि कमजोर वर्गों के लिए समर्पित मेरी सरकार संविधान में निहित मूलभावना पर चलते हुए देश में सामाजिक न्याय तथा आर्थिक लोकतंत्र को सशक्त करने और आम नागरिक के जीवन को आसान बनाने के लिए कार्य कर रही है.
उन्होंने कहा कि मेरी सरकार ने तीन तलाक के संबंध में एक विधेयक संसद में प्रस्तुत किया है. मैं आशा करता हूं कि संसद शीघ्र ही इसे कानूनी रूप देगी। तीन तलाक पर कानून बनने के बाद मुस्लिम बहन-बेटियां भी आत्मसम्मान के साथ भयमुक्त जीवन जी सकेंगी.
राष्ट्रपति ने कहा कि बेटियों के साथ भेदभाव खत्म करने के लिए मेरी सरकार ने ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’ योजना शुरू की थी. इस योजना के सकारात्मक परिणाम को देखते हुए अब इसका दायरा 161 जिलों से बढ़ाकर 640 जिलों तक कर दिया गया है. उन्होंने कहा कि सरकार ने मातृत्व लाभ अधिनियम में बदलाव करके एक बड़ा कदम उठाया है. महिलाओं को 12 सप्ताह के स्थान पर वेतन सहित, 26 सप्ताह की छुट्टी देने का प्रावधान किया गया है. अब कामकाजी महिलाओं को अपने नवजात शिशुओं की देखभाल के लिए अधिक समय मिला करेगा.
उन्होंने कहा कि ‘जनधन योजना’ के तहत अब तक लगभग 31 करोड़ गरीबों के बैंक खाते खोले जा चुके हैं. इस योजना के शुरू होने से पहले, देश में महिलाओं के बचत खातों की संख्या लगभग 28 प्रतिशत थी जो अब बढ़कर 40 प्रतिशत से भी अधिक हो गई है.
कोविंद ने कहा, मेरी सरकार ने गरीबों और मध्यम वर्ग के लिए, विशेषकर स्वरोजगार को बढ़ावा देने के लिए, बिना बैंक गारंटी कर्ज देने पर जोर दिया है। अब लोग अपना उद्यम चलाने के सपने को साकार करने के लिए आसानी से कर्ज ले पा रहे हैं.
उन्होंने कहा, ‘प्रधानमंत्री मुद्रा योजना’ के तहत अब तक लगभग 10 करोड़ ऋण स्वीकृत किए गए हैं और 4 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा का कर्ज दिया गया है। लगभग 3 करोड़ लोग ऐसे हैं जिन्होंने पहली बार इस योजना का लाभ उठाया है और स्वरोजगार शुरू करने में सफल हुए हैं.
किसानों की मुश्किलों का समाधान करना और उनके जीवन स्तर को ऊपर उठाना, मेरी सरकार की उच्च प्राथमिकता है। मेरी सरकार की योजनाएं न केवल किसानों की चिंता कम कर रही हैं बल्कि खेती पर होने वाले उनके खर्च को भी घटा रही हैं.