लखनऊः सोशल मीडिया पर गलत पोस्ट डालने पर पुलिस कार्रवाई के कई मामले प्रदेश में सामने आये हैं। बीते एक साल में यूपी पुलिस ऐसे 1,107 मुकदमे दर्ज कर चुकी है। कई मामलों में पोस्ट डालने वालों को गिरफ्तार करके जेल भी भेजा गया है।
अभी हाल ही में राष्ट्रपति के लखनऊ-कानपुर दौरे के दौरान एक महिला पत्रकार ने सोशल मीडिया पर उनके खिलाफ अभद्र टिप्पणी की थी। सोशल मीडिया के दुरूपयोग पर आशियाना थाने में महिला पत्रकार सोनी कपूर के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है।
पिछले दिनों राष्ट्रपति के यूपी के कानपुर और लखनऊ दौरे पर सोशल मीडिया पर कुछ तस्वीरें वायरल हुईं। जिससे जुड़ी एक तस्वीर पर आपत्तिजनक टिप्पणी करके सोशल मीडिया पर वायरल करने के आरोप में पत्रकार सोनी कपूर के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है।
पत्रकार सोनी कपूर की ओर से राष्ट्रपति के कानपुर दौरे के दूसरे दिन 28 जून को किए गए ट्वीट में आपत्तिजनक और जातिसूचक टिप्पणी की थी। अपने ट्वीट में सोनी कपूर ने कहा था कि ‘वक्त बदल गया लेकिन गुलामी की मानसिकता आज भी नहीं बदली..गांव में दलितों को ठाकुर साहब के सामने ऐसे ही झुककर जाना होता है, सर्वोच्च पद पर बैठे आदमी को देख लो।’
बीते 27 जून को कानपुर दौरे के दौरान राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद अपने पैतृक गांव परौंख पहुंचते ही भावुक हो उठे थे। उस वक्त हेलिकॉप्टर से उतरते ही उन्होंने नीचे झुककर वहां की मिट्टी को अपने मस्तक से लगा लिया था। इंस्पेक्टर आशियाना ने बताया कि लखनऊ में आशियाना क्षेत्र की रहने वाली श्रद्धा श्रीवास्तव ने उस मामले में थाने में सोनी कपूर के खिलाफ 153-ए, 153-बी के साथ आईटी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कराया है।
गाजियाबाद में एक मुस्लिम बुजुर्ग की पिटाई वाले वीडियो के ट्विटर पर आने के बाद गाजियाबाद पुलिस ने नौ लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था। जिसमें ट्विटर को भी आरोपी बनाया गया है। इसके बाद सोशल मीडिया यूजर्स में एक तरह का खौफ भी दिखने लगा है।
एडीजी लॉ एंड आर्डर प्रशांत कुमार का कहना है कि सोशल प्लेटफार्म पर अभिव्यक्ति की आजादी उसी सीमा तक है, जहां तक आप किसी कानून का उल्लंघन नहीं करते हैं। स्मार्ट फोन चलाने वाले यूजर्स किसी भी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को अपने मोबाइल में इंस्टॉल करते वक्त उस एप्लीकेशन को किसी अन्य एप्लीकेशन का डाटा साझा करने की अनुमति प्रदान नहीं करें।