जबलपुर। बीजेपी के वरिष्ठ नेता और पूर्व केन्द्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा ने बुधवार को कहा कि वे पार्टी नहीं छोड़ेंगे, लेकिन पार्टी चाहे तो उन्हें निकाल सकती है। पार्टी के विरोध में लगातार बयानबाजी करने के संबंध में पूछे गए एक सवाल के जवाब में सिन्हा ने यहां मीडिया को बताया कि मेरा आंदोलन किसी व्यक्ति और पार्टी के खिलाफ नहीं है। मेरा विरोध नीतियों के खिलाफ है। मैं पार्टी का सदस्य हूं। मैं पार्टी नहीं छोडूंगा। पार्टी चाहे तो मुझे हटा सकती है।
अपने द्वारा बनाए गए राष्ट्रीय मंच के संबंध में उन्होंने बताया कि यह एक गैर-राजनीतिक संगठन है। इसमें विभिन्न पार्टी के सदस्य सहित पूर्व मंत्री और सांसद शामिल हैं। सिन्हा ने कहा कि यह एक आंदोलन है, जो देश के किसानों एवं बेरोजगारों के साथ है। बीजेपी सांसद शत्रुघ्न सिन्हा के अलावा बीजेपी के अन्य वरिष्ठ नेताओं के राष्ट्रीय मंच में शामिल होने के विषय में उन्होंने कहा कि यह एक संवेदनशील मामला है, जिसका वे समय आने पर खुलासा करेंगे।
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सिन्हा ने अपनी ही पार्टी की केन्द्र सरकार पर आरोप लगाया है कि वह देश की जांच एजेंसियों का दुरूपयोग कर रही है, जिससे देश में भय का माहौल बना हुआ है। उन्होंने कहा कि देश में भय का माहौल है। देश की जांच एजेंसियों का दुरूपयोग किया जा रहा है। अलग मानसिकता रखने वालों के खिलाफ जांच एजेंसियों का उपयोग किया जा रहा है, जिसके कारण भाजपा ही नहीं, बल्कि देश में भय का माहौल है।
सिन्हा ने बताया कि देश का नागरिक होना भाजपा का सदस्य होने से ऊपर है। देश के नागरिक होने के कारण मैं किसानों की लड़ाई लड़ रहा हूं। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की केन्द्र सरकार एवं मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की सरकार की ओर इशारा करते हुए आरोप लगाया, ‘‘दिल्ली और भोपाल में बैठे लोग किसानों की जमीनी स्थिति और दशा से अनजान हैं।
ऐसा लगता है कि देश में किसानों की किसी को चिंता ही नहीं है। सिन्हा ने कहा कि सरकार के आर्थिक सर्वेक्षण में बेरोजगारी, शिक्षा और किसानों की समस्या का उल्लेख किया गया है। यह समस्या एक दिन में तो उत्पन्न नहीं हुई है। इसका साफ अर्थ है कि गत तीन वर्षो में सरकार इन मुद्दों पर विफल रही है।