ओस्लो: कंप्यूटर या फोन पर टाइप करना हाथ से लिखने की तुलना में तेज़ हो सकता है, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि यह मस्तिष्क के लिए हाथ से लिखे जाने की तुलना में कम कारगर है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, जर्नल फ्रंटियर्स इन साइकोलॉजी में प्रकाशित एक अध्ययन से पता चला है कि टाइपिंग की तुलना में लिखना मस्तिष्क के लिए ज़्यादा बेहतर होता है।
नॉर्वेजियन यूनिवर्सिटी ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी (एनटीएनयू) के शोधकर्ताओं ने विश्वविद्यालय के छात्रों पर प्रयोग किए, जहां उन्होंने टाइपिंग और लिखावट वाले प्रतिभागियों की मस्तिष्क गतिविधि को रिकॉर्ड किया।
Why Writing by Hand Is Better for Memory and Learning https://t.co/rpqkAhBeC0
— J-S (@Wakooz_RSS) February 21, 2024
शोधकर्ताओं ने पाया कि लिखावट से सीखने के साथ याददाश्त में सुधार होता है। अध्ययन के सह-लेखक और विश्वविद्यालय में न्यूरोसाइकोलॉजी के प्रोफेसर ऑड्रे वेंडरमीर ने कहा- “अध्ययन के परिणामों में हमारी मुख्य खोज यह थी कि लिखावट लगभग पूरे मस्तिष्क को सक्रिय करती है, जबकि टाइपिंग, उस स्तर पर मस्तिष्क को सक्रिय नहीं करती है।”
अध्ययन में यह भी पाया गया कि लिखावट मस्तिष्क के दृश्य, संवेदी और मोटर क्षेत्रों के बीच संबंध बनाती है, जबकि टाइपिंग इस स्तर पर मस्तिष्क को सक्रिय नहीं करती है। इस शोध के दौरान प्राप्त होने वाले नतीजों के आधार पर विशेषज्ञों का मानना है कि हाथ से लिखे जाने पर मस्तिष्क अधिक सक्रिय रहता है।