इस समय दुनिया की आबादी 8 अरब है जिसमे भारत सबसे अधिक आबादी वाला देश बन चुका है। लगातार बढ़ती आबादी से प्राकृतिक संसाधनों पर पड़ने वाला दबाव हर दिन बढ़ता जा रहे है। इसके नतीजे में पर्यावरण को होने वाला नुकसान भी बढ़ रहा है। जीवन संबधी चुनौतियां भी हर दिन विकराल होती जा रही हैं।
वर्तमान परिस्थितियों में मानवता के लिए एक संतुलित और समृद्ध भविष्य का मुद्दा महत्वपूर्ण हो जाता है। बढ़ती जनसंख्या के कई और बुरे प्रभाव सामने आते हैं जिनमे शिक्षा, जनसंख्या नियंत्रण के बारे में जागरूकता की कमी, गरीबी और महिलाओं के लिए अवसरों की कमी जैसे सामाजिक व आर्थिक क्षेत्र सबसे ज़्यादा प्रभावित होते हैं।
वर्ष 2100 तक दुनिया की आबादी 10.4 बिलियन को पार कर जाने की उम्मीद है। बढ़ती जनसँख्या का मुद्दा परिवार नियोजन, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवा तक बेहतर पहुंच के साथ-साथ सतत विकास प्रथाओं जैसे प्रभावी समस्याओं को बढ़ता है और ज़रूरत होती है कि इन पर विमर्श किया जाए साथ ही बेहतर समाधान प्रस्तुत किया जाए।
Population in 2100, as projected by UN Population Division.
🇮🇳 India: 1,533 million
🇨🇳 China: 771 million
🇳🇬 Nigeria: 546 million
🇵🇰 Pakistan: 487 million
🇨🇩 Congo: 431 million
🇺🇸 US: 394 million
🇪🇹 Ethiopia: 323 million
🇮🇩 Indonesia: 297 million
🇹🇿 Tanzania: 244 million
🇪🇬…— The Spectator Index (@spectatorindex) June 14, 2023
इस समय भारत आधिकारिक तौर पर चीन को पछाड़ते हुए दुनिया का सबसे अधिक आबादी वाला देश बन गया। आइये हम संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या प्रभाग के अनुसार 21वीं सदी के अंत तक सबसे अधिक आबादी वाले शीर्ष 10 देशों पर एक नजर डालते हैं।
सदी के अंत तक दुनिया में सबसे अधिक आबादी वाले दस देश
भारत
साल 2000 में भारत की आबादी 100 मिलियन से ज़्यादा थी। संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक़ ये अनुमान है कि भारत की जनसंख्या मार्च के आखिर में 1,425,775,850 तक पहुंच गई है। अनुमान है कि देश की आबादी 1,533 मिलियन हो जाएगी।
चीन
जनसंख्या वृद्धि का सामना कर रहे चीन देश की मौजूदा आबादी 1.412 बिलियन है। वर्ष 2000 में चीन की जनसंख्या 1,295.33 मिलियन थी।
नाइजीरिया
साल 2000 में 122.9 मिलियन जनसंख्या वाले नाइजीरिया की वर्तमान जनसंख्या 221,168,109 है।
पाकिस्तान
इस समय पाकिस्तान दुनिया का पांचवां सबसे अधिक आबादी वाला देश है। पाकिस्तान की आबादी इस समय 233,515,417 है। ये संख्या सदी की शुरुआत में 15.44 मिलियन थी संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, देश 487 मिलियन की आबादी के साथ 2100 तक दुनिया का चौथा सबसे अधिक आबादी वाला देश बन जायेगा
कांगो
2024 में कांगो की जनसँख्या 10 करोड़ से अधिक होने का अनुमान है। वर्तमान में यहाँ की जनसंख्या 97,574,097 है। साल 2000 में मध्य अफ्रीकी देश की जनसंख्या 48.6 मिलियन थी और संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, 21वीं सदी के अंत तक यह संख्या 431 मिलियन तक हो जाने की उम्मीद है।
अमेरिका
वर्ष 2000 में संयुक्त राज्य अमेरिका की जनसँख्या 282.2 मिलियन थी थी। फिलहाल इस समय ये आंकड़ा 336,708,490 है। इस सदी के अंत तक संयुक्त राष्ट्र के अनुसार अमेरिका 394 मिलियन की आबादी के साथ विश्व का पांचवां सबसे बड़ा आबादी वाला देश होगा।
इथियोपिया
इथियोपिया की वर्तमान जनसंख्या 123,347,685 है। यहाँ जनसख्या वृद्धि दर 2.6% है। साल 2000 में इसकी जनसंख्या लगभग 65 मिलियन थी जबकि संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक़ पूर्वी अफ्रीकी देश में 323 मिलियन जनसँख्या हो जाने का अनुमान है।
इंडोनेशिया
21वीं सदी के अंत तक इंडोनेशिया की आबादी 297 मिलियन होने का अनुमान है। साल 2000 में इंडोनेशिया द्वीप की आबादी 214.1 मिलियन थी। यहाँ की वर्तमान जनसंख्या 282,022,033 है जो वर्ष 2021 के अनुसार 0.7% वार्षिक परिवर्तन की वृद्धि दर दिखा रही है।
तंजानिया
संयुक्त गणराज्य तंजानिया की वर्तमान में जनसंख्या 64,745,038 है। साल 2000 में इस पूर्वी अफ्रीकी देश की आबादी 34 मिलियन थी जिसके 2100 तक 244 मिलियन से अधिक होने का अनुमान है।
मिस्र
साल 2000 में मिस्र की आबादी लगभग 71.4 मिलियन थी।
संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक़ मिस्र की जनसंख्या इस सदी के अंत में 205 मिलियन हो जाएगी। वर्तमान में ये आंकड़ा लगभग आधा यानी 109.3 मिलियन है।
संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक़ इन दस देशों के अलावा 21वीं सदी के अंत तक ब्राजील की जनसंख्या बढ़कर 185 मिलियन, मेक्सिको की 116 मिलियन और रूस की 112 मिलियन होने का अनुमान है। इसी क्रम में अफगानिस्तान की आबादी 110 मिलियन, तुर्की की 82 मिलियन, यूके की 70 मिलियन तथा जर्मनी की 68 मिलियन हो जाएगी। रिपोर्ट के अनुसार फ्रांस की बात करें तो यहाँ की आबादी 60 मिलियन, कनाडा की 53 मिलियन, सऊदी अरब की 50 मिलियन और ऑस्ट्रेलिया की आबादी 38 मिलियन तक पहुंचने की आशंका है।