एक नए अध्ययन के अनुसार, जंगल की आग से निकलने वाला धुआं अन्य प्रकार के वायु प्रदूषण की तुलना में मानसिक स्वास्थ्य के लिए अधिक खतरनाक हो सकता है।
फिलाडेल्फिया में अल्जाइमर एसोसिएशन इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस में प्रस्तुत की गई रिपोर्ट ऐसे समय में आई है अख़बारों में ऐसी ख़बरों की संख्या बढ़ने लगी है।
इस मामले में खतरनाक पदार्थ के सूक्ष्म कण जो बाल के व्यास से 30 गुना छोटे कण होते हैं और आसानी से फेफड़ों तथा रक्त में प्रवेश कर सकते हैं।
जलवायु परिवर्तन के कारण जंगल की आग अधिक बार और तीव्र होती जा रही है – जिससे कई लोगों का धुएं के संपर्क में आना भी बढ़ जाता है। हाल ही में किए गए एक अध्ययन में पाया गया कि 2003 से 2023 तक अत्यधिक जंगल की आग की आवृत्ति दोगुनी से अधिक हो गई है।
उस धुएं में मौजूद छोटे कण सिर्फ़ आपके फेफड़ों के लिए ही बुरे नहीं हैं बल्कि पिछले कुछ सालों में हुए कई अध्ययनों में पाया गया है कि यह मस्तिष्क के स्वास्थ्य पर भी नकारात्मक प्रभाव डालता है, जिससे मनोभ्रंश, संज्ञानात्मक चुनौतियों और मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं का जोखिम बढ़ जाता है।
शोधकर्ताओं ने जंगल की आग के धुएं और प्रदूषण के अन्य रूपों से उत्पन्न होने वाले सूक्ष्म कणों के संपर्क में आने वाले लोगों के निवास स्थान का पता लगाया। उनके परिणामों से पता चला कि प्रतिभागियों द्वारा तीन वर्षों में औसतन, धुएं से उत्पन्न होने वाले सूक्ष्म कणों के प्रत्येक अतिरिक्त माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर के लिए मनोभ्रंश होने की संभावना 21% बढ़ गई।
इसके विपरीत, अन्य स्रोतों- जैसे कार या कारखानों से सूक्ष्म कणों के संपर्क में आने वाली समान वृद्धि मनोभ्रंश होने की संभावना में 3% की वृद्धि से जुड़ी थी।
अध्ययन की लेखिका और पेंसिल्वेनिया विश्वविद्यालय के अस्पताल में न्यूरोलॉजी रेजिडेंट डॉ. होली एल्सर का कहना है कि यह साक्ष्य प्रारंभिक है, लेकिन यह इस बात को साबित करता है कि जंगल की आग के धुएं के लगातार संपर्क में रहने से संज्ञानात्मक गिरावट होती है।
हालांकि, आगे वह कहती हैं कि अभी वह सीमा अज्ञात है जिस पर जंगल की आग का धुआं मनोभ्रंश के लिए जोखिम पैदा करना शुरू कर देता है
अध्ययन में, शोधकर्ताओं ने 2009 और 2019 के बीच दक्षिणी कैलिफोर्निया में 1.2 मिलियन लोगों के स्वास्थ्य डेटा की समीक्षा की।
यह धुआं आसपास के लोगों और यहां तक कि कुछ दूर के लोगों के लिए भी खतरा पैदा करता है, क्योंकि जंगल की आग का धुआं सैकड़ों या हजारों मील तक जा सकता है।