दुनिया के पहले टचस्क्रीन डिवाइस का आविष्कार 1960 के दशक में हुआ था और इस काम को अंजाम दिया था वैज्ञानिक ई ए जॉनसन ने जो कि एक ब्रिटिश नागरिक थे।
ई ए जॉनसन सैन्य और हवाई यातायात नियंत्रण के लिए पहली टचस्क्रीन की अवधारणा तैयार करने वाले पहले व्यक्ति थे। ई ए जॉनसन ने ब्रिटेन के मालवर्न में रॉयल रडार प्रतिष्ठान में काम किया, जहां उन्होंने 1965 और 1967 के बीच सैन्य उपयोग के लिए कैपेसिटिव टच डिस्प्ले विकसित किया। इसे इतिहास का पहला टच डिस्प्ले माना जाता है।
दूसरी ओर, जब टच मोबाइल की बात आती है, तो कई लोग गलती से इसका श्रेय एप्पल या सैमसंग को दे देते हैं, जबकि ऐसा नहीं है।
दुनिया का पहला टचस्क्रीन मोबाइल फोन आईबीएम ने बनाया था, जिसका नाम आईबीएम साइमन (IBM Simon) रखा गया था। यह एक स्मार्टफोन भी था क्योंकि इसमें कॉल, ईमेल, कैलेंडर और अन्य एप्लिकेशन थे। इसे 1994 में लॉन्च किया गया था।
आईबीएम साइमन टेक्नोलॉजी के लिहाज से आगेहोने के बावजूद कुछ वजहों के चलते ज्यादा सफल नहीं हो सका। इसकी शुरुआती कीमत 899 डॉलर थी, जो इस समय के करीब 74,000 रुपये हुई।
उस दौर में यह क़ीमत लोगों के पहुंच से बाहर थी। इसके अलावा यह फोन काफी वज़नी भी था। इसका वजन 500 ग्राम था, जिसके वजह से इसे कहीं ले जाना काफी मुश्किल था। लोग इसे आज के स्मार्टफोन की तरह जेब में नहीं रख पाते थे।
आईबीएम साइमन फोन में केवल एक MB का स्टोरेज हुआ करता था जो इसके फीचर्स के लिहाज से काफी कम था। इसके अलावा इस टेक्नोलॉजी में बड़ी फाइल स्टोर करना भी मुमकिन नहीं था।