एक नए अध्ययन से डायनासोरों के विलुप्त होने का कारण सामने आया है। लंदन में किये गए इस अध्ययन से पता चला है कि पृथ्वी के वायुमंडल में धूल के बादलों ने लगभग 66 मिलियन वर्ष पहले डायनासोरों के विलुप्त होने में बड़ी भूमिका निभाई होगी।
नेचर जियोसाइंस जर्नल में प्रकाशित एक अध्ययन इस घटना के लिए वायुमंडल को ज़िम्मेदार ठहराता है। इस जर्नल में प्रकाशित अध्ययन के मुताबिक़ ऐसा माना जा रहा है कि उल्कापिंड के प्रभाव से पृथ्वी के वायुमंडल में महीन धूल ने डायनासोर के विलुप्त होने में योगदान दिया होगा।
शोधकर्ताओं का अनुमान है कि, उल्कापिंड के प्रभाव से न केवल वायुमंडल में सल्फर आधारित गैसें निकलीं, बल्कि परिणामी धूल ने सूर्य को भी ढक दिया, जिससे कई वर्षों तक पौधों द्वारा प्रकाश संश्लेषण की प्रक्रिया रुक गई और गैसों की कमी हो गई।
Experts reveal more about the devastation of the Chicxulub asteroid impact. New research unveils how a dust cloud plunged Earth into darkness, collapsing the food chain and sealing the fate of the dinosaurs.https://t.co/RC7NPGC3Eu
— Ancient Origins (@ancientorigins) October 31, 2023
अध्ययन के प्रमुख लेखक और ग्रह वैज्ञानिक बर्क सेनेल ने सीएनएन को बताया कि यह लंबे समय से माना जाता रहा है कि चिक्सुलब (Chicxulub) उल्कापिंड डायनासोर के विलुप्त होने का कारण बना, जबकि वास्तव में लंबे समय तक आकाश को ढकने वाली धूल इसका कारण हो सकती है।