भारतीय रेलवे आपातकाल में यात्रा के लिए यात्रियों को तत्काल टिकट बुक करने की सुविधा देता है। तत्काल बुकिंग कराने पर अधिकतर मामलों में यात्री को कंफर्म टिकट ही मिलता है। लेकिन कभी काभहर त्यौहारों और शादियों के सीज़न में तत्काल में भी वेटिंग टिकट ही मिल पाटा है। ये भी जान लीजिये कि वेटिंग टिकट के कंफर्म न होने पर कितना चार्ज कटता है?
तत्काल यात्रा के लिए वेटिंग टिकट सम्बन्धी नियम भी अलग होते हैं। इसकी जानकारी प्रत्येक यात्री को होनी चाहिए। इस विषय में सबसे ज़्यदा पुछा जाने वाला सवाल है कि अगर तत्काल में टिकट कंफर्म नहीं होती है तो क्या पैसे वापस मिल जाते हैं? परिस्थिति में रेलवे कितना पैसा वापस करती है।
तत्काल टिकट की बुकिंग यात्रा से एक दिन पहले की जाती है। तत्काल वेटिंग टिकट होने पर रेलवे की ओर से ही ये टिकट ऑटोमेटिक कैंसिल कर दिया जाता है।
टिकट कैंसिल होने पर रेलवे 10 फीसदी के करीब बुकिंग चार्ज लेता हैं। ये नियम ट्रेन के अलावा उसकी क्लास पर निर्भर करता है।
भारतीय रेल तत्काल वेटिंग टिकट को कंफर्म न होने पर स्वता कैंसिल कर दिया जाता है। टिकट कैंसिल होने के 3 से 4 दिन में कीमत रिफंड हो जाती है। इस बुकिंग पर रेलवे सुविधा चार्ज की एक रक़म काटता है जिसे बुकिंग चार्ज कहते हैं। टिकट कंफर्म न होने पर भी रेलवे बुकिंग चार्ज लेता है।
आपको बता दें कि टिकट कैंसिल होने पर रेलवे 10 फीसदी के करीब बुकिंग चार्ज लेता हैं। ये नियम ट्रेन के अलावा उसकी क्लास पर निर्भर करता है। आम तौर पर एक एसी क्लास की टिकट के रिफंड पर 100-150 रुपये रेलवे की ओर से सुविधा शुल्क के रूप में लिए जाते हैं जबकि और बाकी रक़म उपभोक्ता के खाते में ट्रांसफर हो जाती है।