वैसे तो आलिया भट्ट की गिनती मस्त और लापरवाह किस्म की अभिनेत्रियों में होती है मगर फिर भी कुछ शब्द ऐसे हैं जिनसे उनका पारा चढ़ जाता है।
इंडिया टुडे को दिए एक इंटरव्यू में आलिया भट्ट कहती हैं कि सभी को ये गलतफहमी है कि मुझे अपनी फिल्में सिल्वर प्लैटर पर मिलती हैं, यानी मैं जब चाहूं और जब मांगू, तब मुझे मूवीज मिल जाती हैं।
आलिया को किसी के कुछ भी कहने से एक पर्सेंट फर्क नहीं पड़ता है, मगर कुछ शब्द जरूर हैं, जिन्हें सुनना उनके बर्दाश्त से बाहर है। आलिया को करण जौहर ने लॉन्च किया था और शुरू में उन्हें स्टारकिड के नाम से जाना गया था। शुरुआती दौर में आलिया पर नेपोटिज्म का फायदा उठाने का आरोप लगा था और उनका काफी मज़ाक भी बनाया गया था।
आलिया ने कुछ फिल्मों की बदौलत अपनी परफॉर्मेंस के बूते पर इस ख्याल को गलत साबित किया। फिर ऐसा वक़्त भी आया कि उनकी आलोचना या फिर ट्रोल करने वाले भी उनकी तारीफ करने लगे।
इस पर असहमति जताते हुए आलिया का कहना है कि भला कोई ऐसी बातें बोल कैसे सकता है? जो भी इस बिजनेस से जुड़ा हुआ है, वो ये बहुत अच्छे से जानता है कि यहां पर आप बिना मेहनत किए 17 मिनट तक नहीं टिके रह सकते।
आगे आलिया बताती है कि आज इंडस्ट्री में उन्हें 10 साल से ज्यादा हो चुके हैं। काम के लिए उन्होंने कितनी रातें बिना सोए गुजारी हैं, कितनी चोटें सहीं और कितना शारीरिक दर्द सहा है।