अमरीकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने दिवाली के त्योहार को अहम करार दिया। विदेश विभाग में आयोजित दीपावली के रिसेप्शन समारोह में उन्होंने भारत के पहले नोबेल पुरस्कार विजेता कवि रवींद्रनाथ टैगोर की पंक्तियों को याद करते हुए दिवाली का संदेश दिया।
भारत और अमरीका के रिश्तों को रेखांकित करते हुए ब्लिंकन ने कहा- ‘विश्वास वह पक्षी है जो सुबह के अंधेरे में भी प्रकाश को महसूस कराता है।’
अमरीकी विदेश मंत्री ने कहा- दिवाली एक शुभ त्योहार है जो बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। जब हम दिवाली मनाते हैं, तो हम एक अधिक शांतिपूर्ण, अधिक समृद्ध दुनिया को आकार देने का प्रयास करते हैं।
नोबेल पुरस्कार विजेता टैगोर की इन पंक्ति का उल्लेख इसलिए भी अहम है क्योंकि बीते दस वर्षों से अमरीकी विदेश विभाग दिवाली रिसेप्शन मना रहा है। विदेश विभाग में इस परंपरा की शुरुआत जॉन केरी के समय में हुई थी।
अमरीकी विदेश मंत्री के अनुसार दिवाली का सबसे अच्छा अर्थ बंगाली भाषा के कवि रवींद्रनाथ टैगोर ने ही बताया जब उन्होंने लिखा- ‘विश्वास वह पक्षी है जो सुबह के अंधेरे में भी प्रकाश को महसूस कराता है।’ आगे ब्लिंकन ने कहा कि दिवाली भी इसी विचार की याद को दोहराती है कि प्रकाश अंधकार को मिटा देगा।
ब्लिंकन ने अमरीका में दक्षिण एशियाई संस्कृति के महत्व पर भी ज़ोर देते हुए कहा कि अमरीका को विविधता से ताकत मिलती है। इसमें दक्षिण एशियाई अमरीकियों का योगदान भी शामिल है।
ब्लिंकन ने जॉन केरी द्वारा इस परंपरा की नींव डाले जाने का ज़िक्र किया और कहा कि अब यह वार्षिक रूप से हो रहा है जिस पर उन्हें काफी गर्व है।
अमरीकी विदेश मंत्री ने आगे कहा कि इस साल, दुनियाभर के एक अरब से अधिक हिंदू, बौद्ध और सिख लोगों ने दिवाली मनाई और अपने घरों को रंगोली, फूलों की माला और दीये से सजाया।
इस अवसर पर उन्होंने भारतवंशी अमरीकी उपराष्ट्रपति कमला हैरिस, विश्व बैंक के अध्यक्ष अजय बंगा, उप विदेश मंत्री रिचर्ड वर्मा के योगदान का भी जिक्र किया।