लखनऊ। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों के लिए महागठबंधन करीब करीब तय माना जा रहा है। इस गठबंधन में समाजवादी पार्टी के साथ कांग्रेस और राष्ट्रीय लोकदल शामिल होगा। हालांकि, जेडीयू को भी इसमें शामिल करने की कोशिश हुई लेकिन वो नाकाम रही। सूत्रों के मुताबिक 403 सदस्यीय विधान सभा के लिए समाजवादी पार्टी 301 विधान सभा सीटों पर अपने उम्मीदवार खड़ा करेगी, जबकि कांग्रेस 80 और राष्ट्रीय लोक दल 22 सीटों पर उम्मीदवार उतारेगी। सूत्र बताते हैं कि गठबंधन की शर्तों के मुताबिक सीएम का चेहरा अखिलेश यादव ही होंगे। अगर सरकार बनती है तो राज्य में उप मुख्यमंत्री कांग्रेस से होगा। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव पहले से ही यह कहते रहे हैं कि उनकी पार्टी यूपी में बहुमत की सरकार बनाएगी लेकिन कांग्रेस साथ आ जाए तो 300 से ज्यादा सीटों पर जीत दर्ज करेंगे। UP Election
हालांकि, सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव सार्वजनिक तौर पर एकला चलो की बात कहते रहे हैं लेकिन पर्दे के पीछे जोड़ घटाव का उनका फॉर्मूला काम करता रहा है। शिवपाल यादव ने भी गठबंधन के लिए बहुत कोशिशें की हैं। उन्होंने तो जेडीयू को भी गठबंधन में साथ लाने की कोशिश की लेकिन वो सफल नहीं हो सके। पिछले दिनों अमर सिंह ने प्रशांत किशोर की मुलाकात मुलायम सिंह यादव से कराई थी और गठबंधन की बातचीत को आगे बढ़ाया था।
सूत्रों के मुताबिक शनिवार को चौधरी चरण सिंह की जयंती पर आयोजित पुस्तक के लोकार्पण समारोह में इस महागठबंधन की रूपरेखा तय हुई है। इस कार्यक्रम में सपा के संकटमोचक अमर सिंह, रालोद नेता अजीत सिंह, कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद, जदयू नेता शरद यादव, जनता दल (सेक्यूलर) के नेता देवगौड़ा मौजूद थे।
अब कहा जा रहा है कि कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी 26 दिसंबर को यूपी कांग्रेस के नेताओं से मुलाकात करेंगे और उन्हें इस बारे में अवगत कराएंगे। राजनीतिक जानकार कहते हैं कि जिस तरह से भाजपा यूपी चुनाव के लिए अपनी पूरी ताकत झोंक रही है, उससे सपा कोई जोखिम नहीं उठाना चाह रही है। लिहाजा, इसी रणनीति के तहत सपा बिहार की तर्ज पर महागठबंधन की पक्षधर हो गई। गौरतलब है कि 403 सदस्यीय यूपी विधान सभा में अभी सपा के 224, बसपा के 80, भाजपा के 47, कांग्रेस के 28 और रालोद के 9 विधायक हैं।
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