लखनऊ। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने डेंगू का इलाज हर हाल में निःशुल्क उपलब्ध कराने के निर्देश दिये हैं। जिसे लेकर मुख्य सचिव दीपक सिंघल ने भी हिदायत जारी की है। वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से उन्होंने सभी जनपदीय मुख्य चिकित्साधिकारियों, मुख्य चिकित्सा अधीक्षकों व मेडिकल कालेजों में तैनात प्रधानाचार्यां को आवश्यक निर्देश जारी किए। जिसमें कहा कि प्रभावित रोगी का इलाज सम्बन्धित चिकित्सालय या मेडिकल कालेज में समय से न मिलने पर सम्बन्धित चिकित्सक की जिम्मेदारी तय की जायेगी। साथ ही डाक्टर इलाज करते हुए रोगियों के साथ वाट्स अप पर तस्वीरें भेजकर अपनी हाजरी लगायें।
मुख्य सचिव ने निर्देश दिये हैं कि मुख्य चिकित्सा अधिकारी सहित अन्य चिकित्साधिकारियों को भी कम से कम 04 घन्टे रोगियों के इलाज के लिए अस्पतालों में समय देना होगा। उन्होंने कहा कि डेंगू रोग से बचाव के लिए नागरिकों को जागरूक किया जाए। सार्वजनिक स्थलों पर वाल पेन्टिंग के साथ पूरे शहर में साफ-सफाई व फागिंग की जाये। गत 03 महीनों में टेस्ट के आधार पर चिन्हित व सूचीबद्ध डेंगू प्रकरणों की क्षेत्रवार मैपिंग करते हुए जागरूकता का अभियान चलाया जायेगा। साथ ही डेंगू बीमारी से सम्बन्धित आवश्यक दवाएं व टेस्ट किट की उपलब्धता सुनिश्चित होनी चाहिए। उन्होंने कड़े निर्देश दिये कि सभी प्रमुख चिकित्सालयों में डेंगू वार्ड, चिकित्सक एवं पैरामेडिकल स्टाफ की व्यवस्था हो।
इसके साथ साथ इलाहाबाद में प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में तैनात डा. महेन्द्र सिंह, मेरठ के प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में तैनात डा. मीनू रानी गुप्ता को लापरवाही के आरोप में निलम्बित कर दिया गया। मुख्य सचिव वीडियो कान्फ्रेन्सिंग के माध्यम से जनपदीय मुख्य चिकित्साधिकारियों, मुख्य चिकित्सा अधीक्षकों व मेडिकल कालेजों में तैनात प्रधानाचार्यां को आवश्यक निर्देश दे रहे थे। उन्होंने कहा कि जिलाधिकारी अपने स्तर पर आगामी 15 दिनों तक प्रतिदिन समीक्षा कर स्थानीय स्तर पर आवश्यक व्यवस्थाएं प्राथमिकता से सुनिश्चित करायें। साथ ही स्वास्थ्य विभाग के वरिष्ठ अधिकारी सीएचसी, पीएचसी का निरीक्षण कर सफाई-व्यवस्था सुनिश्चित कराते हुए मरीजों का समय से बेहतर निःशुल्क इलाज उपलब्ध कराएं। मुख्य सचिव ने ये भी निर्देश दिए कि चिकित्सकों को अपनी ड्यूटी प्रारम्भ करने एवं छोड़ने के समय मरीजों का इलाज करते हुये अपनी घड़ी के समय को प्रदर्शित करते हुये वाट्सएप के माध्यम से अपने उच्च अधिकारियों को अपनी उपस्थिति भेजनी होगी। उन्होंने कहा कि घनी आबादियों में रहने वाले लोगों को स्थानीय स्तर पर आवश्यकतानुसार इलाज उपलब्ध कराने के लिए स्वास्थ्य शिविरों का आयोजन किया जाये।