अंकारा: तुर्की के राष्ट्रपति और संसदीय चुनावों के शुरुआती नतीजों के अनुसार राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन सहित किसी भी उम्मीदवार को स्पष्ट बहुमत नहीं मिल सका है।
तुर्की में पहले राउंड में होने वाले मतदान में किसी भी पार्टी को बहुमत नहीं मिलने की वजह से 28 मई को दोबारा वोटिंग होगी। एर्दोगन 11 साल तक तुर्की के प्रधानमंत्री और 9 साल तक राष्ट्रपति रहे हैं। ऐसे में अगली वोटिंग तक इन 14 दिनों का इस्तेमाल वह अपने वोटर्स को मनाने में करेंगे।
अंतर्राष्ट्रीय मीडिया के मुताबिक राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन को विपक्षी उम्मीदवारों पर बढ़त है, लेकिन उन्हें 50 प्रतिशत वोट मिलने की संभावना नहीं है। राष्ट्रपति चुनाव में 98% वोटों की गिनती हो चुकी है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक राष्ट्रपति रेसेप तईप एर्दोआन 49.34 फीसदी वोटों के साथ आगे हैं, जबकि उनके प्रतिद्वंद्वी केमल किलिक दारोग्लू 45.00 फीसदी वोटों के साथ दूसरे नंबर पर हैं। सिनान ओघान 5.23% वोटों के साथ तीसरे स्थान पर हैं।
तुर्की के राष्ट्रपति का फैसला अब 28 मई को होगा
रिपोर्ट- रविंद्र पटवालhttps://t.co/rdPsgM0tWQ via @जनचौक #Turkiyeelection #TurkiyeElection2023@ravindrapatwal
— Janchowk (@janchowk) May 15, 2023
तुर्की में राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार को 50 प्रतिशत से अधिक वोट प्राप्त करना चाहिए। अगर किसी उम्मीदवार को 50 फीसदी से ज्यादा वोट नहीं मिलते हैं तो दूसरे चरण के चुनाव का फैसला 28 मई को होगा।
तुर्की के इतिहास में पहली बार 24 पार्टियां और 151 निर्दलीय उम्मीदवार चुनाव में भाग ले रहे हैं जबकि पंजीकृत मतदाताओं की संख्या 65 लाख से अधिक है।
गौरतलब है कि तुर्की में फरवरी में आए भूकंप के 3 महीने बाद ये चुनाव हो रहा है। भूकंप में 50 हजार से ज्यादा लोगों की जान गई थी। अलजजीरा के मुताबिक लोगों ने इसका जिम्मेदार 20 साल से सत्ता में बैठे राष्ट्रपति एर्दोगन को ठहराया था।