मैरीलैंड: मधुमेह दुनिया भर में तेजी से ले रहा है। वैश्विक स्तर पर 42 करोड़ 20 लाख लोग मधुमेह से पीड़ित हैं, जबकि हर साल 15 लाख मौतें इसके कारण होती हैं।
अगर सावधानी राखी जाए तो टाइप 2 मधुमेह को रोका जा सकता है। ध्यान न देने की दशा में ये स्ट्रोक और दिल के दौरे का कारण बन सकती है। इनमें से अधिकांश जटिलताएं उच्च रक्त शर्करा के स्तर के कारण होती हैं।
स्वास्थ्य एजेंसियों के अनुसार ये परिवर्तन किसी व्यक्ति की सांस में बदलाव करते हैं जिसके नतीजे में तीन अलग-अलग तरह की गंध आती हैं।
मधुमेह केटोएसिडोसिस रक्त और मूत्र में केटोन के उच्च स्तर के कारण मधुमेह की कई घातक जटिलताओं में से एक है।
नेशनल हेल्थ सर्विसेज के मुताबिक अगर डायबिटीज से पीड़ित लोगों में इंसुलिन खत्म होने लगे तो यह उनके लिए एक गंभीर समस्या हो सकती है।
मेडलाइनप्लस के अनुसार यह स्थिति किसी व्यक्ति में तीन अलग-अलग प्रकार की सांसों की बदबू का कारण बन सकती है।
एजेंसी ने कहा कि अगर तुरंत इलाज न किया जाए तो शरीर में अतिरिक्त कीटोन्स घातक हो सकते हैं। ये चीजें लीवर के अंदर होती हैं, जो वसा को ऊर्जा में बदल देती हैं जिसे हम कीटोन कहते हैं, जिससे रक्त अम्लीय हो जाता है।
इस स्थिति के सबसे खतरनाक पहलू हैं निर्जलीकरण, पोटेशियम असंतुलन और एसिडोसिस (ऐसी स्थिति जिसमें शरीर में एसिड का स्तर बढ़ जाता है), जिससे संभावित रूप से मृत्यु हो सकती है।
मेडलाइनप्लस के अनुसार यह स्थिति किसी व्यक्ति में तीन अलग-अलग प्रकार की सांसों की बदबू का कारण बन सकती है। संस्थान के अनुसार किडनी फेलियर वाले लोगों में सांसों की मीठी महक, बार-बार उल्टी होने के कारण मल की गंध या अमोनिया जैसी गंध आना।
सांसों की दुर्गंध तब होती है जब कीटोन्स तेजी से बन रहे होते हैं और रक्त में जमा हो जाते हैं। ये कीटोन्स सांस और पसीने के माध्यम से शरीर से बाहर निकलते हैं, जो बताते हैं कि ये विभिन्न गंध क्यों होती हैं।