चीन के वैज्ञानिकों का कहना है कि एक प्रकार का पौधा मंगल ग्रह के कार्बन डाइऑक्साइड युक्त वातावरण को सांस लेने योग्य ऑक्सीजन वातावरण में बदल सकता है।
स्टेपी स्क्रू मॉस जो एक प्रकार का काई है और तिब्बत या अंटार्कटिका और मोजेव मरुस्थल (desert moss) में पायी जाती है।
मंगल पर जीवन की संभावना तलाशने में वैज्ञानिक दशकों से जुटे हुए हैं। ऐसे में वैज्ञानिकों द्वारा खोजा गया पौधा मंगल ग्रह की विषम परिस्थितियों में भी खुद को जिंदा रख सकता है।
बीजिंग स्थित चाइनीज एकेडमी ऑफ साइंसेज के विशेषज्ञों का कहना है कि अगर इस पौधे को मंगल ग्रह पर फैलाया जाए तो ग्रह के कार्बन डाइऑक्साइड को ऑक्सीजन में परिवर्तित करके सांस लेने योग्य वातावरण बनाना संभव है।
लैब में किये गए प्रयोगों से पता चला है कि ये पौधे ठंडे तापमान से बच सकते हैं इसके अलावा इनमे मंगल गृह की मिट्टी जैसे घातक विकिरण से बचने की भी खूबी है।
इस मरुस्थलीय काई का वैज्ञानिक नाम सिनट्रिकिया कैनिनर्विस (Syntrichia caninervis) है। वैज्ञानिक इसके बारे में कहते हैं कि यह बहुत गर्मी, बहुत ठंड के साथ रेडिएशन को बर्दाश्त कर सकती है।
शोधकर्ताओं की टीम ने कहा है कि उनकी स्टडी अंतरिक्ष में बस्ती बसाने की नींव रखती है जिसमें प्राकृतिक रूप से चुने गए पौधे होंगे, जो कि वहां की चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में भी खुद को बचाए रख सकेंगे।
इस पौधे को हाई लेवल डिहाइड्रेशन में भी खुद को बचाने की क्षमता है। इसे 30 दिन माइनस 196 डिग्री सेल्सियस में गामा किरणों से एक्सपोज करवाया गया। इसे 5 सालों तक माइनस 80 डिग्री सेल्सियस में रखा गया। फिर भी यह सामान्य रूप से खुद का विकास करता रहा।
मंगल की सतह को बदलने में कई बाधाओं में से एक इसका वातावरण है। मंगल ग्रह का 95% वायुमंडल कार्बन डाइऑक्साइड से बना है, और यह मात्रा मनुष्यों के सांस लेने के लिए बहुत अधिक है।