गोपालगंज। बिहार के गोपालगंज में जहरीली शराब से 13 लोगों की मौत पर नीतीश कुमार ने डीएम से रिपोर्ट तलब की है। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भले ही सूबे में शराबबंदी को लेकर लाख दावे करें लेकिन गोपालगंज में नकली शराब पीने से 13 लोगों की मौत ने सारे दावों की पोल खोल दी है । बीती रात गोपालगंज में जहरीली शराब पीने से हुई मौत के बाद इसपर सियासत भी शुरू हो गई है औपर विपक्ष नीतीश कुमार पर हमलावर है।
बिहार में पूर्ण शराब बंदी के बाद पहली बार कथिततौर पर जहरीली शराब से 13 लोगों की मौत हो गई है। ये घटना गोपालगंज जिले की है। परिजनों का आरोप है कि सारे लोग जहरीली शराब पीने से मरे हैं। अगर परिजनों का दावा सही है तो शराब बंदी के बाद अवैध शराब से जुड़ा ये सबसे बड़ा कांड है।
हालांकि प्रशासन इसे जहरीली शराब कांड मानने से इनकार कर रहा है। मरने वालों के ब्लड सैंपल जांच के लिए भेजे गए हैं। एफ एस एल की टीम जांच के लिए गोपालगंज जा रही है। स्थानीय लोगों का कहना है कि इनके पेट में तेज दर्द हुआ और उल्टियां शुरू हो गईं। जिसके बाद उन्हें नजदीकी अस्पताल ले जाया गया। लेकिन उन्हें बचाया नहीं जा सका। हालांकि प्रशासन के दावे के उलट लोगों का आरोप है कि इनकी मौत जहरीली शराब पीने से ही हुई है। प्रशासन ने इस मामले में जांच के आदेश दे दिए हैं।
इस घटना पर आरजेडी के नेता मृत्युजंय तिवारी का कहना है कि जब तक आधिकारिक तौर पर ये पुष्टि नहीं हो जाती है कि उनकी मौत जहरीली शराब से हुई है तब तक कुछ ही कहना सही नहीं होगा। लेकिन जो घटना घटी है वो दुखद है। वहीं कांग्रेस का कहना है कि कुछ लोग शराबबंदी को विफल बनाने की कोशिश कर रहे हैं। कांग्रेस नेता प्रेमचंद मिश्रा ने कहा कि इस तरह की घटनाओं के लिए प्रतिपक्ष जिम्मेदार है। मामले की जांच होने पर जो भी दोषी हो उसपर कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए।
वहीं बीजेपी नेता रामेश्वर चौरसिया ने का कहना है कि प्रतिपक्ष पर आरोप लगाने से जो लोग आरोपी हैं उनको पकड़कर सजा दें, सरकार उनकी है। इन पर बिहार कंट्रोल तो हो नहीं रहा है। सारे जेडीयू कार्यकर्ताओं को खुली छूट दे रखी है।