जेनेवा में यूक्रेन में मानवाधिकारों की स्थिति पर बुधवार को मानवाधिकार परिषद की एक बैठक आयोजित हुई। बैठक से पता चला है कि इन हमलों के ज़रिये यूक्रेन के पूर्वी क्षेत्र में और अधिक इलाक़े को अपने नियंत्रण में लेने का प्रयास किया जा रहा है। यूएन कार्यालय ने यूक्रेनी नागरिकों के शान्ति पाने के अधिकार की बात कही है।
बैठक में मानवाधिकार मामलों के लिए उप उच्चायुक्त नाडा अल-नशीफ़ ने ज़ोर देकर कहा कि आम लोगों की तरह यूक्रेनी नागरिकों के पास भी शान्ति पाने का अधिकार है।
यूएन समाचार की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि ओएचसीएचआर यानी संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त कार्यालय ने आगाह किया है कि रूसी सैन्य बलों द्वारा यूक्रेनी आम नागरिकों को हवाई हमलों के ज़रिये निशाना बनाया जाना जारी है। इसके लिए लम्बी दूरी की मिसाइलों व ड्रोन विमानों सहित अन्य बमों का इस्तेमाल किया जा रहा है।
उप उच्चायुक्त अल-नशीफ़ ने अन्तरराष्ट्रीय मानवाधिकार क़ानून, मानवतावादी क़ानून के बढ़ते उल्लंघन मामलों के प्रति सचेत किया और कहा कि युद्ध अपराधों को अंजाम दिए जाने की भी आशंका है।
आगे उन्होंने यूक्रेन पर रूसी सैन्य बलों के आक्रमण के तीन वर्ष पूरे होने से पहले एक शान्तिपूर्ण निपटारे की दिशा में प्रगति को धुंधला बताया है और टकराव में ख़तरनाक तेज़ी आने की बात भी कही है।
रिपोर्ट पिछले वर्ष पहली सितम्बर से 30 नवम्बर की अवधि पर आधारित है। रूसी सैन्य बलों के हमलों में अब तक 574 नागरिकों की जान जा चुकी है, जोकि पिछले वर्ष की तुलना में 30 प्रतिशत अधिक है। जुलाई 2022 के बाद सितम्बर महीने में पहली बार इतनी बड़ी संख्या में आम नागरिक हताहत हुए।
आगे उन्होंने रूसी बमबारी में जल आपूर्ति, परिवहन सेवाओं समेत बुनियादी ढाँचे को भीषण क्षति पहुँचने की बात कही है। यूक्रेन के ऊर्जा प्रतिष्ठानों को निशाना बनाकर भी बड़े हमले किए जाने की बात कही गई है।
रूसी प्रतिनिधिमंडल ने ओएचसीएचआर उप उच्चायुक्त द्वारा लगाए गए इन आरोपों को ख़ारिज करते हुए यूक्रेनी सैन्य बलों पर रूस के विभिन्न क्षेत्रों में आतंकी कृत्यों को अंजाम देने का आरोप लगाया।
जवाब में यूक्रेनी प्रतिनिधि ने रूसी सैन्य बलों के घातक हमलों की निन्दा की और बताया कि नए साल की पूर्व संध्या पर राजधानी कीव पर हुए हमलों में 100 ड्रोन विमानों का इस्तेमाल किया गया, जिसमें दो लोग मारे गए व सात घायल हुए।
उप उच्चायुक्त अल-नशीफ़ ने अन्तरराष्ट्रीय मानवाधिकार क़ानून, मानवतावादी क़ानून के बढ़ते उल्लंघन मामलों के प्रति सचेत किया और कहा कि युद्ध अपराधों को अंजाम दिए जाने की भी आशंका है।
यूक्रेनी युद्धबन्दियों ने व्यापक स्तर पर व्यवस्थागत ढंग से यातना दिए जाने की बात कही है। उन्हें बुरी तरह मारा-पीटा गया, बिजली के झटके दिए गए, गला घोंटा गया और लम्बे समय तक एकान्त कारावास में रखा गया। पुरुष व महिला युद्धबन्दियों ने बलात्कार, जबरन नग्न किए जाने समेत अन्य प्रकार की यौन हिंसा का शिकार बनाए जाने के भी आरोप लगाए हैं।
नाडा अल-नशीफ़ ने चिन्ता जताई कि रूसी सैन्य बलों द्वारा पकड़े गए यूक्रेनी सैन्यकर्मियों को बिना सुनवाई के ही मार दिए जाने के मामलों में वृद्धि दर्ज की गई है। इन शिकायतों पर कार्यालय द्वारा इस अवधि में 19 अलग-अलग घटनाओं में ऐसे 62 मामलों पर जानकारी जुटाई गई है और ऐसे पाँच मामलों की पुष्टि की है।
यूक्रेन में संयुक्त राष्ट्र निगरानी मिशन के अनुसार, फ़रवरी 2022 के बाद से अब तक, हिंसक टकराव में 12,300 आम नागरिकों की मौत हुई है, जिनमें 650 से अधिक बच्चे हैं। इस बीच 27 हज़ार से अधिक लोगों के घायल होने की बात कही गई है। इसके अलावा 700 से अधिक मेडिकल केन्द्रों, 1500 से अधिक स्कूलों व कॉलेज, हिंसा में क्षतिग्रस्त या पूर्ण रूप से ध्वस्त होने की बात भी कही गई है।