हर्टफोर्डशायर: हाल ही में खुलासा हुआ है जिससे पता चलता है कि दुनिया का सबसे ठंडा महाद्वीप अंटार्कटिका हरा-भरा होता जा रहा है।
इस क्षेत्र में अत्यधिक गर्मी की घटनाओं से इस विशाल महाद्वीप पर बदलते परिदृश्य के बारे में चिंताएँ बढ़ रही हैं। ब्रिटिश अंटार्कटिक सर्वेक्षण और एक्सेटर और हर्टफोर्डशायर विश्वविद्यालयों द्वारा किए गए एक अध्ययन के अनुसार, जलवायु परिवर्तन के कारण अंटार्कटिक बड़ी ही तेजी से हरा-भरा हो रहा है।
इंग्लैंड के एक्सेटर और हर्टफोर्डशायर विश्वविद्यालयों और ब्रिटिश अंटार्कटिक सर्वेक्षण के वैज्ञानिकों द्वारा शुक्रवार को नेचर जियोसाइंस पत्रिका में प्रकाशित अध्ययन के अनुसार, उन्होंने पाया कि पिछले चार दशकों में इस कठोर वातावरण में पौधों की संख्या जिनमे ज़्यादातर काई थी, में 10 गुना से ज़्यादा बढ़ोत्तरी देखी गई है।
पिछले चार दशकों में इस कठोर वातावरण में पौधों की संख्या जिनमे ज़्यादातर काई थी, में 10 गुना से ज़्यादा बढ़ोत्तरी देखी गई है।
वैज्ञानिकों ने अंटार्कटिक प्रायद्वीप पर वनस्पति के स्तर का विश्लेषण करने के लिए उपग्रह इमेजरी और डेटा का उपयोग किया, जो एक लंबी पर्वत श्रृंखला है और उत्तर से दक्षिण अमरीका के सिरे की ओर इशारा करती है। यह स्थान वैश्विक औसत से बहुत तेज़ी से गर्म हो रहे हैं। जानकारी के मुताबिक़, अंटार्कटिक प्रायद्वीप पर हरियाली 1986 के मुक़ाबले में 1.1 वर्ग मील से बढ़कर 2021 में लगभग 14.3 वर्ग मील हो गई है।
अध्ययन से पता चलता है कि पिछले 60 वर्षों में अंटार्कटिका में तापमान में काफी वृद्धि हुई है। वार्मिंग की उच्चतम दर पश्चिमी अंटार्कटिक और अंटार्कटिक प्रायद्वीप क्षेत्रों में पाई गई, जबकि वृद्धि वैश्विक औसत तापमान की तुलना में बहुत तेज है।
नेचर जियोसाइंस में प्रकाशित शोध में कहा गया है कि 1986 से 2021 तक की संपूर्ण अध्ययन अवधि की तुलना में 2016 और 2021 के बीच अंटार्कटिका में हरियाली की प्रवृत्ति में 30 प्रतिशत से अधिक की तेजी आई है।