उत्तर भारत में इस समय बारिश अपने जोर पर है। उत्तर प्रदेश सहित उत्तराखंड और दिल्ली के अलावा 14 राज्यों में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया गया है। ऐसे में भूस्खलन के खतरे को देखते हुए केदारनाथ यात्रा को भी कुछ समय के लिए रोकना पड़ा।
भारत मौसम विज्ञान विभाग की तरफ से उत्तर से लेकर पूर्वोत्तर राज्यों तक भारी से बहुत भारी बारिश की चेतावनी दी है। विभाग का कहना है कि ये स्थिति अगले दो दिनों तक बनी रहेगी। अधिकतम तापमान 31 और न्यूनतम 21 डिग्री सेल्सियस रह सकता है। इस दौरान 25-35 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चल सकती है।
इस समय उत्तर भारत से लेकर पूर्वोत्तर तक छाए बादलों और लगातार बारिश के चलते हिमाचल प्रदेश के तीन जिलों में बाढ़ का खतरा बना हुआ है। उत्तर भारत के शहरों में भी जल भराव ने जीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है।
मौसम के तेवर देखते हुए कुछ देर के लिए केदारनाथ यात्रा भी रोकनी पड़ी। अनुमान के आधार पर कई स्थानों पर आज स्कूलों को बंद रखने का आदेश दिया गया है।
मौसम विभाग ने तीन दिन तक 14 राज्यों में भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। इस बीच अब तक होने वाली बारिश ने शहरी जीवन को भी बुरी तरह प्रभावित किया है। सड़कों पर जलभराव से लम्बे जाम देखने को मिले और आमजन को समस्याओं से जूझते देखा गया।
हिमालयी राज्यों और उत्तर भारत के अलावा देश के अधिकतर भागों में बादल छाए है और बारिश भी जारी है। इसमें राजस्थान, मध्य प्रदेश और पूर्वी भारत में औसत से ज़्यादा बारिश होने का अनुमान है।
इस बारिश के चलते उत्तर प्रदेश में 32 लोगों की मौत की खबर है जबकि मध्य प्रदेश से 11 और राजस्थान से चार लोगों की जान जाने की सूचना मिली है। देशभर में इन दिनों होने वाली बारिश में 36 घंटों में 47 लोगों की मौत की सूचना है। इन हादसों में 38 लोगों के घायल होने की भी सूचना मिली है।
आईएमडी के अनुसार,मध्य भारत में बनने वाले गहरे कम दबाव के क्षेत्र के चलते उत्तर-प्रदेश और उत्तराखंड में भारी बारिश की संभावना है ।
इसके प्रभाव में हरियाणा, राजस्थान और मध्य प्रदेश में भी कुछ इलाक़ों में भारी बारिश की संभावना है जबकि पश्चिमी उत्तर प्रदेश और पश्चिमी मध्य प्रदेश में कई स्थानों पर अचानक बाढ़ के खतरे की भी सूचना मौसम विभाग ने दी है।
उत्तर प्रदेश सहित जिन राज्यों में औसत से अधिक बारिश का खतरा है उनमे हिमाचल, उत्तराखंड, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, असम, मेघालय, नगालैंड, मणिपुर, मिजोरम, त्रिपुरा, पश्चिम बंगाल, ओडिशा और झारखंड शामिल हैं।
मौसम विभाग का अनुमान है कि दक्षिण-पश्चिम मानसून 19 से 25 सितंबर के बीच देश वापसी करेगा। अमूमन यह 17 सितंबर के आसपास उत्तर-पश्चिम भारत से वापसी शुरू करता है और 15 अक्तूबर तक पूरी तरह लौट जाता है।
बताते चलें कि देश में मानसून का आगमन पहली जून तक केरल से होता है और यह जुलाई के पहले सप्ताह में पूरे देश में पहुंच जाता है।