वर्जीनिया: साइबर सुरक्षा शोधकर्ताओं ने चेतावनी दी है कि हाल ही में 26 अरब से अधिक निजी रिकॉर्ड के लीक को इतिहास में सबसे बड़ा डेटा लीक बताया गया है।
शोधकर्ताओं का कहना है कि इससे साइबर अपराध की सुनामी आ सकती है।
रिपोर्ट के मुताबिक, इस लीक में ट्विटर, ड्रॉपबॉक्स और लिंक्डइन समेत कई वेबसाइट्स का संवेदनशील डेटा शामिल है।
चिंता की बात यह है कि लीक का पता लगाने वाले शोधकर्ताओं का कहना है कि यह उल्लंघन बेहद खतरनाक है और इससे साइबर अपराध की सुनामी आ सकती है।
साइबर अपराधियों के हाथ लगे 2600 करोड़ रिकॉर्ड, इन ऐप्स का डेटा हुआ लीक, कहीं आप तो नहीं करते यूज?#CyberCrime #CyberAttackhttps://t.co/DGdWFFRLO4
— ABP News (@ABPNews) January 25, 2024
securitydiscovery.com के मालिक बॉब डियाचेंको और अन्य शोधकर्ताओं ने असुरक्षित अवसर पर डेटा उल्लंघन की ओर इशारा किया।
शोधकर्ताओं का मानना है कि इसके पीछे हैकर्स, डेटा ब्रोकर या बड़ी मात्रा में डेटा संसाधित करने वाली सर्विस है। डेटा के प्रारंभिक अध्ययन से पता चलता है कि यह कोई नया उल्लंघन नहीं है, बल्कि पिछले डेटा उल्लंघनों का संग्रह है।
शोधकर्ताओं के अनुसार, 12 टेराबाइट्स के कुछ रिकॉर्ड में डुप्लिकेट शामिल हैं। हालाँकि, उजागर डेटा में मौजूद जानकारी की संवेदनशीलता के कारण, डेटा उल्लंघन बहुत चिंता का विषय है।
शोधकर्ताओं ने कहा कि यह डेटासेट बेहद खतरनाक है और इसका इस्तेमाल साइबर अपराधी कई तरह के हमलों के लिए कर सकते हैं। इन हमलों में पहचान की चोरी, परिष्कृत धोखाधड़ी योजनाएं, विशेष साइबर हमले और निजी और संवेदनशील खातों तक अवैध पहुंच शामिल हैं।