केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने ‘कैशलेस ट्रीटमेंट’ योजना के तहत सड़क दुर्घटना के मामलों में राहत की खबर दी है। केंद्रीय मंत्री का कहना है कि अगर पुलिस को दुर्घटना के बारे में 24 घंटे के भीतर सूचित किया जाता है तो सरकार इलाज का खर्च वहन करेगी।
मंगलवार को भारत मंडपम में केंद्रीय मंत्री गडकरी की अध्यक्षता में सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के परिवहन मंत्रियों की बैठक हुई। बैठक का उद्देश्य केंद्र और राज्य सरकारों के बीच सहयोगात्मक प्रयासों को सुविधाजनक बनाना और परिवहन संबंधी नीतियों पर चर्चा करना था।
केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री ने बताया कि ‘कैशलेस ट्रीटमेंट’ योजना के तहत सरकार सड़क दुर्घटना के पीड़ितों के लिए सात दिनों के इलाज के लिए 1.5 लाख रुपये तक का खर्च वहन करेगी।
इसके अलावा हिट-एंड-रन मामलों में भी मृतक पीड़ितों के परिवारों के लिए सरकार की तरफ से दो लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने की भी घोषणा की गई है।
नितिन गडकरी ने सड़क सुरक्षा को सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता बताया। एक आंकड़े का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि साल 2024 में सड़क दुर्घटनाओं में करीब 1.80 लाख लोगों की जान गई। इनमें से 30 हजार मौतें हेलमेट न पहनने के कारण हुईं। आगे उनहोंने कहा कि गंभीर बात यह है कि 66 प्रतिशत दुर्घटनाएं 18-34 वर्ष की आयु के लोगों की हुई हैं।
रिकॉर्ड का हवाल देते हुए केंद्रीय मंत्री ने बताया कि स्कूल और कॉलेज जैसे शैक्षणिक संस्थानों के समीप एंट्री और एग्जिट पॉइंट पर अपर्याप्त व्यवस्था के चलते सड़क दुर्घटनाओं में 10 हजार बच्चों की मौत हो गई है।
साथ ही स्कूलों के लिए ऑटोरिक्शा और मिनी बसों के लिए भी नियम बनाए गए हैं। सभी ब्लैक स्पॉट की पहचान करने के इसे मिलकर कम करने की बात भी नितिन गडकरी ने कही।
बताते चलें कि दिल्ली के भारत मंडपम में यह घोषणा मंगलवार को की गई। इस अवसर पर गडकरी की अध्यक्षता में सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के परिवहन मंत्रियों के साथ बैठक की गई।