म्यांमार में आए 7.7 तीव्रता के भूकंप से बड़े पैमाने पर तबाही हुई है। इस भूकंप का असर बैंकॉक तक महसूस किया गया है। इस भूकंप के कारण कई आवासीय इमारतें ध्वस्त हो गईं और सैकड़ों लोग मलबे में दब गए, जबकि शहर का बुनियादी ढांचा भी बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया।
अंतर्राष्ट्रीय समाचार एजेंसी के अनुसार भूकंप का केंद्र म्यांमार के दूसरे सबसे बड़े शहर मांडले के पास था और इसकी गहराई 10 किलोमीटर तक थी। अमरीकी भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (यूएसजीएस) का अनुमान है कि इस भूकंप में मरने वालों की संख्या एक हज़ार से अधिक हो सकती है।
सेना के मुताबिक़, म्यांमार में भूकंप से मरने वालों की संख्या बढ़कर 694 हो गई है जबकि 1,670 घायल हैं।सबसे अधिक मौतें नेपिटॉ में हुई हैं। यहां से 90 से अधिक लोगों की मौत का आंकड़ा सामने आया है। मंडाले में भूकंप ने कई इमारतों को जमींदोज कर दिया, जिनमें शहर का एक प्रमुख मठ भी शामिल था।
भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने म्यांमार भूकंप पर सहानुभूति जताते हुए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा- “म्यांमार के लोगों के लिए पहली खेप के रूप में तात्कालिक मानवीय सहायता भेजी गई।” उन्होंने बताया कि भारतीय वायु सेना का सी-130 कंबल, तिरपाल, स्वच्छता किट, स्लीपिंग बैग, सोलर लैंप, फूड पैकेट और किचन सेट ले जा रहा है।
म्यांमार की सैन्य सरकार ने छह क्षेत्रों में आपातकाल की घोषणा की है तथा अंतर्राष्ट्रीय समुदाय एवं संगठनों से सहायता का अनुरोध किया है। इस भूकंप में सैंकड़ों लोग लापता बताए जा रहे हैं।
म्यांमार ने आपातकाल लगा दिया गया है। इस भूकंप का असर सिर्फ म्यांमार सहित आसपास के देशों में देखने को मिला है। भूकंप का प्रभाव भारत, चीन नेपाल समेत पांच देशों में देखने को मिला है।
बचाव अभियान के दौरान शवों का मिलना जारी है।आशंका व्यक्त की जा रही है कि यह संख्या और बढ़ सकती है। वहीं थाईलैंड में 10 लोगों की मौत की जानकारी सामने आई है।
बैंकॉक में गगनचुंबी इमारतें भी हिल गईं। लग्जरी होटलों की छतों पर बने स्विमिंग पूलों से पानी झरने की तरह जमीन पर गिरता देखा गया
बैंकॉक में भूकंप के कारण हुई विभिन्न घटनाओं में भी कम से कम 8 लोगों की मौत होने की खबर मिली है जबकि इस दौरान दर्जनों लोग घायल हो गए।वहीं शनिवार रात में भी म्यांमार और अफगानिस्तान में फिर से भूकंप के झटके महसूस किए गए। सुबह करीब 5 बजकर 16 मिनट पर अफगानिस्तान में भूकंप के झटके महसूस किए गए। भूकंप की तीव्रता 4.7 रही।
म्यांमार सरकार के अनुसार, आपदा प्रभावितों से अस्पताल भर गए हैं। सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्रों में रक्तदान की अत्यधिक आवश्यकता है। अस्पतालों में खून की भारी कमी बताई जा रही है। सैन्य सरकार ने विदेशी सहायता स्वीकार करने की घोषणा की है। इस बीच संयुक्त राष्ट्र ने प्रारंभिक राहत कार्यों के लिए 5 मिलियन अमरीकी डॉलर की सहायता राशि जारी की है। वहीं चीन और रूस ने म्यांमार में बचाव दल भेजे हैं, राष्ट्रपति ट्रंप ने भी अमरीकी मदद की बात कही है।