दूरसंचार विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक़ तक़रीबन 21 लाख ऐसे सक्रिय सिम कार्ड का पता चला है जिन्हे नकली आईडी प्रूफ या पते के दस्तावेज़ों पर इशू कराया गया है।
द वायर की एक रिपोर्ट से खुलासा हुआ है कि इस तरह के फ़र्ज़ी दस्तावेज़ों पर कम से कम 21 लाख सिम कार्ड सक्रिय किए गए हैं।
अखबार के मुताबिक़, संदेह है कि इनमें से अधिकांश का उपयोग विभिन्न प्रकार के साइबर अपराध या ऑनलाइन धोखाधड़ी के लिए किया जाता है।
इस रिपोर्ट के अनुसार दूरसंचार विभाग ने भारती एयरटेल, एमटीएनएल, बीएसएनएल, रिलायंस जियो और वोडाफोन आइडिया को भेजे गए अलर्ट में संदिग्ध ग्राहकों की एक सूची दी है। विभाग ने इन दस्तावेजों के तत्काल रि-वेरफिकेशन करने और फर्जी पाए गए लोगों के कनेक्शन काटने का भी आदेश दिया है।
दूरसंचार विभाग ने बताया, इस्तेमाल में आ रहे 21 लाख सिम कार्ड के प्रूफ फ़र्ज़ी हैं#TelecomDepartment #SimCard #FakeIDProof #दूरसंचारविभाग #सिमकार्ड #फेकआईडीप्रूफhttps://t.co/G1OZfVQSYw
— द वायर हिंदी (@thewirehindi) March 20, 2024
खबर में द हिंदू की रिपोर्ट के हवाले से बताया गया है कि दूरसंचार विभाग की आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और डिजिटल इंटेलिजेंस यूनिट (एआई एंड डीआईयू) द्वारा 114 करोड़ मोबाइल फोन कनेक्शनों के एक हालिया अखिल भारतीय विश्लेषण से ये खुलासा हुआ है।
जानकारी के मुताबिक़ विभिन्न दूरसंचारसर्विस प्रोवाइडर द्वारा जारी किए गए करीब 21 लाख सिम को सक्रिय करने के आवेदन के लिए अमान्य, अस्तित्वहीन, नकली या जाली दस्तावेजों का उपयोग किया गया था।
विभाग ने संदेह जताया है कि इनमें से अधिकांश नंबरों का उपयोग विभिन्न प्रकार के साइबर अपराध या ऑनलाइन धोखाधड़ी के लिए किया जाता है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि जल्द ही बड़ी संख्या में सिम कार्ड डिस्कनेक्ट किए जाएंगे। दरअसल सर्विस प्रोवाइडर को प्रक्रिया पूरी करने के लिए समयसीमा दी गई है। इस पूरी प्रक्रिया में दूरसंचार विभाग कानून-प्रवर्तन एजेंसियों के साथ काम कर रहा है।