पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) ने एनएबी यानी नेशनल अकाउंटबिलिटी ब्यूरो एनएबी और रेंजर्स के खिलाफ मामला दर्ज करने का फैसला किया है।
अध्यक्ष पीटीआई इमरान खान ने लाहौर में केंद्रीय नेताओं की एक महत्वपूर्ण बैठक की अध्यक्षता की जहां देश की समग्र राजनीतिक स्थिति, तहरीक-ए-इंसाफ की राजनीतिक रणनीति और भविष्य के लक्ष्यों पर विस्तार से चर्चा की गई।
घोषणापत्र में कहा गया कि पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ अराजकता पैदा करने के प्रयासों और नागरिकों पर गोलियां चलाने की पूरी योजना की व्यापक जांच की मांग करती है।
बैठक से संबंधित जारी किये गए घोषणापत्र में कहा गया कि पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ शांतिपूर्ण विरोध के दौरान जानबूझकर अराजकता पैदा करने के प्रयासों और नागरिकों पर गोलियां चलाने की पूरी योजना की व्यापक जांच की मांग करती है। न्यायाधीशों से युक्त अधिकार प्राप्त आयोग को निर्दोष नागरिकों की गवाही और 9 मई को अराजकता के प्रयासों की जांच करनी चाहिए।
इमरान खान के 'अपहरण' के आरोप में पीटीआई, पाक रेंजर्स और NAB के खिलाफ मामला कराएगी दर्ज https://t.co/Cxvh2EtCbR pic.twitter.com/HLR6OmKQYe
— NDTV India feed (@ndtvindiafeed) May 15, 2023
घोषणापत्र में पीटीआई ने शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन के दौरान निर्दोष नागरिकों की हत्या के मामले दर्ज करने की भी घोषणा की। इसके अलावा, घोषणा पत्र में कहा गया कि इस्लामाबाद उच्च न्यायालय के परिसर से अर्धसैनिक बलों द्वारा अध्यक्ष इमरान खान के अपहरण की कड़ी निंदा की गई।
बैठक से संबंधित जारी घोषणापत्र में कहा गया कि पीटीआई नौ मई की घटनाओं के आधार पर राज्य स्तर पर पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के खिलाफ झूठे, बेतुके और निराधार प्रचार को खारिज करती है। पार्टी पूरी तरह शांतिपूर्ण, लोकतांत्रिक है। राजनीतिक दल और कानून के दायरे में राजनीति का कायल है।
घोषणापत्र में कहा गया कि तहरीक-ए-इंसाफ का 27 साल का इतिहास पूरी तरह से हिंसा और उकसावे से रहित है, कठिन से कठिन परिस्थितियों में भी पार्टी और उसके अध्यक्ष इमरान खान ने कानून का राज नहीं छोड़ा।
बयान में कहा गया है कि 3 नवंबर के क़ातिलाना हमले के बाद तहरीक-ए-इंसाफ ने देश भर में हजारों जगहों पर विरोध प्रदर्शन किया और उनकी ओर से एक भी पत्थर नहीं फेंका गया। नियंत्रित मीडिया और झूठे प्रचार की आड़ में देशव्यापी दंगों की योजना बनाने वालों को बचाने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं।