नई दिल्ली : कालेधन पर स्विट्जरलैंड से मिलने वाली जानकारियों को लेकर भारत को धक्का लग सकता है. दरअसल, स्विट्जरलैंड ने कहा है कि अगर कालेधन की सूचनाओं के स्वत: आदान-प्रदान की प्रस्तावित व्यवस्था के तहत गोपनीयता की शर्त को भंग किया गया तो वह सूचना देने के काम को निलंबित कर सकता है. Switz
गौरतलब है कि एक समझौते के तहत स्विट्जरलैंड अपने यहां के बैंकों में जमा कालेधन की सूचना अन्य देशों को अगले साल से देने की स्वचालित व्यवस्था के लिए तैयार है.
इस समझौते में भारत और अन्य देश शामिल हैं. स्विट्जरलैंड के अंतरराष्ट्रीय वित्तीय मामलों के विभाग एसआईएफ ने एक बयान में कहा- घरेलू वित्तीय संस्थाएं पहली बार इस साल आंकड़े एकत्रित कर रही हैं.
स्विट्जरलैंड के कर अधिकारी भागीदार देशों के साथ सूचनाओं का आदान-प्रदान 2018 में करेंगे. यह सुनिश्चित किया जाएगा कि सूचनाएं गलत हाथों में ना पड़ें या उनका दुरूपयोग ना हो.
विभाग ने कहा, स्विट्जरलैंड उन सभी देशों और क्षेत्रों के साथ कर-संबंधी सूचनाओं का आदान-प्रदान करने को सैद्धांतिक रूप से तैयार है जो संबंधित शर्तों को पूरा करते हैं.
इस दृष्टि से इस अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था में सूचनाओं की गोपनीयता और सुरक्षा महत्वपूर्ण बात है. कालेधन के खतरों से निपटने की एक अंतरराष्ट्रीय प्रतिबद्धता के तहत स्विट्जरलैंड ने एक जनवरी 2017 से सूचनाओं के स्वत: आदान-प्रदान के नियमों को प्रभावी बना दिया है. इसके तहत सूचनाओं का पहला आदान-प्रदान कुछ देशों के साथ अगले साल किया जाएगा जिनमें भारत भी शामिल है.