नई दिल्ली। अगर आप सबसे बड़े और चमकदार चांद का दीदार करना चाहते हैं तो तैयारी कर लीजिए आज जैसा खूबसूरत और बड़ा चांद इससे पहले शायद ही आपने कभी देखा होगा। 14 नवंबर को चांद पृथ्वी के सबसे करीब होगा। यह अद्भुत खगोलीय घटना यानी सुपरमून 68 साल बाद होने जा रही है। वैज्ञानिकों के मुताबिक 70 साल बाद इतना बड़ा चांद नजर आएगा। कार्तिक पूर्णिमा को दिखने वाला ये चांद आम दिनों की अपेक्षा 14 फीसदी बड़ा और 30 फीसदी ज्यादा चमकीला दिखेगा। जो भी इस चांद का दीदार करने से चूक गया उसे 2034 का इंतजार करना होगा। Super Moon
जब पूर्णिमा का चांद कक्षा पर पृथ्वी के सबसे करीब आता है तब उसे सुपरमून कहते हैं।पृथ्वी की कक्षा में घूमते हुए चांद जब धरती के सबसे नजदीक आ जाता है तो उस स्थिति को पेरीजी और कक्षा में जब सबसे दूर होता है तो उस स्थिति को अपोजी कहते हैं। सामान्य रूप से चांद और पृथ्वी के बीच की दूरी हर महीने 3,57,000 किमी से 4,06,000 किमी के बीच रहती है। ऐसा उसकी अंडाकार कक्षा के कारण होता है।
जब पूनम का चांद हो और साथ ही इसकी दूरी पृथ्वी से सबसे कम हो, तो ऐसी स्थिति को सुपरमून कहा जाता है। धरती के चारों ओर चक्कर लगाने में चंद्रमा जब से दूर जाता है तो उसको दूरस्थ बिंदु कहते हैं। जब चंद्रमा सबसे करीब होता है तो उसको निकटस्थ बिंदु यानी पेरिग्री कहते हैं। सबसे दूरस्थ बिंदु के मुकाबले निकट बिंदु पर चंद्रमा तकरीबन 14 फीसदी धरती के ज्यादा करीब होता है। इस बार 14 नवंबर को चंद्रमा धरती के सबसे करीब है और साथ ही पूनम का चांद भी है यानी इस दिन चंद्रमा सुपरमून है।
खगोल शास्त्रियों के मुताबिक चंद्रमा 14 नवंबर को जब धरती के सबसे करीब होगा तो भारत में दिन के 11 बज कर 22 मिनट हो रहे होंगे। दुनिया में जिन जगहों पर उस समय रात होगी, वहां पर चंद्रमा की चमक एक तिहाई ज्यादा होगी लेकिन घबराइए नहीं भारत में जब शाम को चंद्रोदय होगा तब भी इस की चमक आम पूर्णिमा के मुकाबले तकरीबन 30 फीसदी ज्यादा होगी। इसका आकार भी 14 फीसदी ज्यादा होगा, दिल्ली में 14 नवंबर को चंद्रोदय शाम 5 बजकर 37 मिनट पर होगा और चंद्रास्त 15 नवंबर को सुबह 6 बजकर 4 मिनट पर होगा। तो कार्तिक पूर्णिमा वाले दिन यानी गुरुपर्व को सुपर मून के साथ सेल्फी खींचिए इतने चमकीले चांद के साथ सेल्फी खींचने का यह मौका अब आपको दोबारा 2034 में ही मिलेगा।