अन्य खाद्य पदार्थों के सामान सूरज भी हमारे पोषण का एक प्राकृतिक स्रोत है, विशेष रूप से विटामिन डी के संबंध में इसकी भूमिका महत्वपूर्ण है।
सूरज और इंसान के बीच का रिश्ता बेहद अहम है जिसमे विटामिन डी एक ब्रिज की तरह है जो इन दोनों के रिश्ते को बनाए रखने में ख़ास भूमिका निभाता है।
सूर्य की किरणें या कह सकते हैं कि विशेष रूप से UVB किरणें जब इंसानी त्वचा पर पड़ती हैं तो शरीर स्वतः ही विटामिन डी बनाता है।
विटामिन डी हमारे शरीर के लिए इतना महत्वपूर्ण है कि भोजन के अलावा इसकी अधिकांश आवश्यकता सूर्य के प्रकाश से पूरी हो जाती है।
यह एक वसा में घुलनशील विटामिन है जो लंबे समय से शरीर को कैल्शियम और फास्फोरस को अवशोषित करने और बनाए रखने में मदद करने के लिए जाना जाता है। दोनों ही हड्डियों के निर्माण के लिए महत्वपूर्ण हैं। इसलिए इसका उपनाम “सनशाइन विटामिन” है।
शरीर की आंतरिक घड़ी को सेट करने के लिए आँखों को प्रकाश की आवश्यकता होती है। सुबह की धूप विशेष रूप से लोगों को रात में सोने में मदद करती है। उम्र बढ़ने के साथ यह और भी महत्वपूर्ण हो सकता है क्योंकि आपकी आँखें प्रकाश को कम ग्रहण करने में सक्षम होती हैं, और आपको सोने में समस्या होने की अधिक संभावना होती है।
अध्ययनों से पता चलता है कि विटामिन डी कैंसर कोशिका वृद्धि को कम कर सकता है, संक्रमण को नियंत्रित करने और सूजन को कम करने में मदद कर सकता है।
शरीर के कई अंगों और ऊतकों में विटामिन डी के लिए रिसेप्टर्स होते हैं, जो हड्डियों के स्वास्थ्य से परे महत्वपूर्ण भूमिकाओं का सुझाव देते हैं। वैज्ञानिक इससे जुड़े अन्य संभावित कार्यों की अभी भी जांच कर रहे हैं।
विटामिन डी हड्डियों को मजबूत रखता है और कैल्शियम के अवशोषण में मदद करता है। प्रतिरक्षा प्रणाली को सक्रिय करता है। मानसिक स्वास्थ्य में सुधार के साथ अवसाद जैसी समस्याओं के संधान में भी यह बहुत मददगार है।
यदि शरीर में विटामिन डी की कमी हो जाए तो इससे मूड स्विंग और अवसाद का खतरा भी बढ़ सकता है। इसके अलावा, यह मांसपेशियों के प्रदर्शन और संतुलन के लिए भी आवश्यक है। इसकी कमी से हड्डियां कमजोर हो सकती हैं। इसके नतीजे में रिकेट्स या ऑस्टियोपोरोसिस जैसी समस्याओं के साथ प्रतिरक्षा प्रणाली भी कमजोर हो सकती है।
औसतन दिन में 10-20 मिनट तक धूप में बैठना लाभदायक होता है, विशेषकर सुबह या शाम के समय। हालाँकि, बहुत अधिक या दोपहर के समय धूप में रहने से सन बर्न या त्वचा संबंधी अन्य समस्याओं का खतरा बढ़ सकता है।