नयी दिल्ली 10 दिसंबर : केंद्रीय शिक्षा मंत्री डॉ रमेश पोखरियाल निशंक ने इस कोरोना महामारी के संकट के पढ़ाई जारी रखने की सराहना की है। उन्होंने छात्रों को जल्द ही स्कूली जीवन में वापसी का भरोसा दिलाया है।
डॉ निशंक ने गुरुवार को यहाँ शिक्षा संवाद के 11वें संस्करण के तहत शिक्षकों, अभिभावकों एवं छात्रों के साथ लाइव इंटरेक्शन में परीक्षा और शिक्षा संबंधी अन्य मुद्दों पर विस्तृत बातचीत की। उन्होंने छात्रों को इस महामारी के संकट के बीच प्रोत्साहित करते हुए कहा कि आप सभी को अपने स्कूली जीवन की बहुत याद आती होगी लेकिन सबने इस मुश्किल समय में भी पढ़ाई जारी रखी जो कि बेहद सराहनीय है।
डाक्टर निशंक ने कहा- ‘मैं आप सभी को विश्वास दिलाना चाहता हूँ कि आप जल्द ही अपने स्कूली जीवन में वापस लौटें सकेंगे लेकिन तब तक विभिन्न तरीकों से जैसे कि पेन फ्रेंड कल्चर, माय बुक, माय फ्रेंड कैंपेन इत्यादि द्वारा ना सिर्फ अपने दोस्तों से जुड़े रह सकते हैं बल्कि शिक्षण प्रक्रिया को जारी रख सकते हैं।’
केंद्रीय मंत्री ने ये भी कहा- ‘यह बताते हुए मुझे बेहद हर्ष हो रहा है कि इन संवाद श्रृंखलाओं के जरिए आप सभी के सुझाव व विचारों को जानने का मौका मिला और जिनकी मदद से हमें कई निर्णय लेने में आसानी हुई और भविष्य में भी वो सभी सुझाव हमें निर्णय लेने में सहायता करेंगे। पिछली बार हुए संवाद के बाद अब हालांकि काफी कुछ बदल चुका है जैसे कि बोर्ड के नतीजे घोषित हो चुके हैं, बहुत सारे छात्र प्रतियोगी परीक्षाओं में भी शामिल हो चुके हैं, कॉलेजों की कटऑफ लिस्ट भी जारी हो चुकी है और नए अकादमिक सत्र की शुरुआत भी हो गई है। जिस प्रकार परिवर्तन को अपनाते हुए हम आगे सफलतापूर्वक आगे बढ़े हैं उसका पूरा श्रेय सम्पूर्ण शिक्षा तंत्र को जाता है।’
केंद्रीय मंत्री ने इसके अलावा कोरोना संकट काल में शिक्षा मंत्रालय द्वारा डिजिटल शिक्षा के लिए किए गए कार्यों के बारे पर भी बात की और कहा कि छात्रों के उत्साह को देखते हुए हमने आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत पीएम ई-विद्या जैसी एक व्यापक पहल की शुरुआत की है, जो डिजिटल/ऑनलाइन/रेडियो की मदद से स्कूल जाने वाले लगभग 33 करोड़ छात्र-छात्राओं को लाभ पहुंचा रही है। उन्होंने दीक्षा, स्वयं, स्वयं प्रभा, आईआईटी पाल, शिक्षावाणी पॉडकास्ट, साइन लैंग्वेज जैसे कार्यक्रमों के बारे में बताते हुए कहा कि यह सभी कार्यक्रम शिक्षा की पहुंच को सहज एवं सशक्त बनाते हैं।
केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘इस संक्रमण काल में जहां एक ओर दुनिया अपनी शैक्षिक व्यवस्था को एडजस्टमेंट और अमेंडमेंट के जरिए पैचवर्क की प्रक्रिया में व्यस्त रही, वही भारत ने नई शिक्षा नीति के माध्यम से एक नए भविष्य के निर्माण की आधारशिला रखी है। यह नीति आपके भविष्य का विजन डॉक्यूमेंट है, जो आपको एक स्पष्ट और दूरदर्शी दृष्टिकोण प्रदान करता है ताकि आप अपने भविष्य का निर्णय स्वयं कर सकें। यह आपको विकल्प भी देगी और अवसर भी देगी।’
डॉ निशंक ने छात्रों के मन में बोर्ड की परीक्षाओं और पाठ्यक्रम संबंधी सभी आशंकाओं को भी दूर किया। हालाँकि स्कूलों को दोबारा खोले जाने पर उन्होनें कहा कि स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग ने स्कूलों को फिर से खोलने के लिए एसओपी / दिशानिर्देश जारी किए हैं। ये दिशानिर्देश स्वास्थ्य और सुरक्षा की दृष्टि से स्कूलों को फिर से खोलने और शारीरिक / सामाजिक दूरी के साथ सीखने व शिक्षा के प्रसारण से संबंधित शैक्षणिक पहलुओं से सम्बद्ध हैं। इसके अलावा राज्य में मौजूदा स्वास्थ्य परिदृश्य को देखते हुए संबंधित राज्य सरकारें इस मामले में निर्णय लेंगी।