नई दिल्ली। बीएसएफ के जवान तेज बहादुर के वीडियो वायरल होने के बाद रसोई में भ्रष्टाचार संबंधी उसकी शिकायत गृहमंत्री तक पहुंच गई है। आशंका जताई जा रही है कि मंत्रालय पूरे मामले पर उचित कार्रवाई करेगा। जवान तेज बहादुर के वीडियो पर बीएसएफ आज गृह मंत्रालय को रिपोर्ट सौंपेगी। बताया जा रहा है कि जम्मू कश्मीर में तैनात डीआईजी स्तर के अधिकारी ये रिपोर्ट तैयार कर रहे हैं। जवान ने वीडियो में खराब खाने और राशन घोटाले का आरोप लगाया था। इसके बाद अफसरों ने तेज बहादुर यादव पर ही दारूबाजी और ड्यूटी में लापरवाही का आरोप लगाकर उसे कटघरे में खड़ा करने की कोशिश की है। soldier
तेज बहादुर ने रविवार को फेसबुक पर कुछ वीडियो अपलोड किए थे, जिसमें उसने बीएसएफ की रसोई में बना जला पराठा, चाय और सिर्फ हल्दी और नमक मिली दाल दिखाकर यह कहा है कि जवानों को न ठीक से नाश्ता मिलता है और न खाना। सरकार सब कुछ देती है और अफसर उसे बाजार में बेच देते हैं। इसी बीच सेना की भी एक रिपोर्ट में कहा गया है कि सीमा पर स्थित सेना के शिविरों में ईंधन के भंडारण का इंतजाम जितना असुरक्षित है, उससे सैनिकों के जीवन को हमले के दौरान खतरा बढ़ जाता है। जिस अंतरराष्ट्रीय रूप से चर्चित हमले में 14 जवान शहीद हुए थे उस हमले की जगह उड़ी में भी ज्वलनशील ईंधन अस्थायी ढांचे के नीचे रखा गया था।
कश्मीर में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर तैनात बीएसएफ और सेना के जवानों की स्थिति कभी मौसम, तो कभी दुश्मन के नाते सदैव तत्परता और चुनौतियों में बीतती है। ऊपर से अगर उनके अफसर भी भ्रष्ट हों तो यह चुनौती और भी कठिन हो जाती है। तेज बहादुर यादव की शिकायत पर इसलिए ध्यान दिया जाना चाहिए कि अगर उसका व्यवहार सामान्य नहीं है तो वे कौन-सी स्थितियां हैं जिनके चलते वह असमान्य हुआ है? क्या ऐसा असामान्य व्यवहार सिर्फ तेज बहादुर का ही है या ऐसे कई तेज बहादुर हैं जो अपनी बात कहने का साहस नहीं कर पा रहे हैं? अगर तेज बहादुर अफसरों के भ्रष्टाचार के कारण मानसिक तनाव का शिकार हुआ है तो उस भ्रष्टाचारी पर कार्रवाई होनी चाहिए। यही वे वजहें हैं जिनके नाते सेना और सुरक्षा बलों पर सवाल न उठाने की दलील घातक साबित होती है।
लीलाधर जगूड़ी ने अपनी कविता ‘बलदेव खटीक’ और स्वदेश दीपक ने अपने नाटक ‘कोर्ट मार्शल’ में सुरक्षा बलों के भीतर पनप रहे भ्रष्टाचार, जिसमें परपीडक़ प्रशासन और जातिवाद जैसी बुराइयां शामिल हैं, पर मार्मिक टिप्पणी की है। ऐसे में सरकार को, जिसमें तेज बहादुर ने गहरा विश्वास जताया है, जवानों के उस विश्वास को कायम रखना चाहिए।