नयी दिल्ली 08 जुलाई : मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में बुधवार को मंत्रिमंडल में हुये पहले फेरबदल और विस्तार में छह कैबिनेट रिपीट कैबिनेट और छह राज्य मंत्रियों की छुट्टी कर दी गई।
जिन कैबिनेट मंत्रियों को नये मंत्रिमंडल में जगह नहीं मिली है उनमें विधि एवं न्याय, संचार और इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद; स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी और पृथ्वी विज्ञान मंत्री डॉ. हर्षवर्द्धन; सूचना एवं प्रसारण, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन और भारी उद्योग एवं लोक उद्यम मंत्री प्रकाश जावड़ेकर, शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक तथा रयासन एवं उर्वकर मंत्री डी.वी. सदानंद गौड़ा शामिल हैं। इनके अलावा सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री थावरचंद गहलोत को कर्नाटक का नया राज्यपाल नियुक्त किया गया है।
राज्य मंत्रियों में सर्वश्री संतोष गंगवार, बाबुल सुप्रियो, प्रताप चंद सारंगी, रत्तन लाल कटारिया, संजय धोत्रे और सुश्री देबाश्री चौधरी को पद छोड़ना पड़ा है। इन सभी 12 मंत्रियों ने मंत्रिमंडल के विस्तार से पहले ही राष्ट्रपति को अपना त्यागपत्र सौंप दिया था जिसे राष्ट्रपति ने स्वीकार कर लिया।
दिल्ली भाजपा के कद्दावर नेता डॉ. हर्षवर्द्धन 1993 से 2014 तक दिल्ली विधानसभा के सदस्य रहे और 2014 और 2019 में चाँदनी चौक सीट से चुनाव जीतकर लोकसभा में आये हैं। वह मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में भी पहले स्वास्थ्य, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, पृथ्वी विज्ञान और पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय का कार्यभार सँभाल चुके हैं। दूसरे कार्यकाल में उन्हें शुरू से ही स्वास्थ्य, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी और पृथ्वी विज्ञान मंत्रालयों का कार्यभार दिया गया था। ऐसे समय चुनौतीपूर्ण समय में जब देश कोविड-19 जैसी महामारी से लड़ रहा है स्वास्थ्य मंत्री को पद से हटाने से स्पष्ट संकेत गया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारतीय जनता पार्टी का शीर्ष नेतृत्व डॉ. हर्षवर्द्धन के काम से खुश नहीं था।
श्री प्रसाद भी मोदी सरकार के दोनों कार्यकाल में लगातार विभिन्न विभागों के मंत्री रहे। पिछले कार्यकाल में आधार, तीन तलाक कानून और डिजिटल इंडिया जैसे बड़े कामों को अंजाम तक पहुँचाने वाले श्री प्रसाद का पिछले दिनों फेसबुक और ट्विटर जैसी कंपनियों के साथ शीतयुद्ध भी चला था जिसमें ट्विटर ने उनके अकाउंट को कुछ देर के लिए बंद भी कर दिया था।
महाराष्ट्र से राज्यसभा में भाजपा के सदस्य श्री जावड़ेकर भी उन मंत्रियों में हैं जो मोदी सरकार के पूरे कार्यकाल के दौरान मंत्री रहे हैं। पहले कार्यकाल में शुरू में वह राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) बनाये गये थे और अप्रैल 2018 में उन्हें कैबिनेट मंत्री बनाया गया।
श्री निशंक उत्तराखंड की हरिद्वार सीट से दूसरी बार लोकसभा सदस्य चुने गये हैं। मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में उन्हें मंत्रीमंडल में जगह नहीं मिली थी, लेकिन दूसरे कार्यकाल में सीधे कैबिनेट मंत्री बनाकर शिक्षा जैसे महत्त्वपूर्ण मंत्रालय की जिम्मेदारी सौंपी गई। देश में नयी शिक्षा नीति लागू करने का काम उन्हीं के कार्यकाल में हुआ था। उत्तराखंड में अगले साल होने वाले चुनाव के लिए उन्हें पार्टी के स्तर पर जिम्मेदारी सौंपे जाने की उम्मीद है।
रसायन एवं उर्वरक मंत्री श्री गौड़ा लगातार चौथी बार लोकसभा के सदस्य बने हैं। वह मोदी सरकार के पूरे कार्यकाल के दौरान कैबिनेट मंत्री रहे हैं। पहले कार्यकाल में उन्होंने रेलवे, विधि एवं न्याय, सांख्यिकी एवं कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालयों का कार्यभार सँभाला। कर्नाटक विधानसभा चुनाव में अब दो साल का समय रह गया है। श्री गौड़ा को वहाँ भाजपा को सत्ता में वापस लाने के लिए पार्टी संगठन में जिम्मेदारी दी जा सकती है।