संयुक्त राष्ट्र संघ ने फ़िलिस्तीनी बच्चों की ओर फ़ायरिंग को शर्मनाक बताया है।संयुक्त राष्ट्र संघ के पश्चिम एशिया मामलों के समन्वयक ने शुक्रवार को नाकाबंदी से घिरे ग़ज़्ज़ा पट्टी में प्रदर्शन के दौरान 15 साल के फ़िलिस्तीनी युवक की शहादत की प्रतिक्रिया में कहा कि इस्राईली स्नाइपरों का फ़िलिस्तीनी बच्चों को निशाना बनाना शर्मनाक है।
इरना के अनुसार, निकोलाय म्लादिनोफ़ ने शुक्रवार की रात बल दिया कि इस बर्बरतापूर्ण क़दम की जांच होनी चाहिए।
मोहम्मद अय्यूब नामी 15 साल का फ़िलिस्तीनी युवक ग़ज़्ज़ा पट्टी के उत्तरी भाग में स्थित जबालिया में ज़ायोनी स्नाइपर की गोली से शहीद हुआ।
फ़िलिस्तीन के स्वास्थ्य मंत्रालय के प्रवक्ता अशरफ़ अलक़ुदरा ने शुक्रवार की रात एलान किया कि चौथे शुक्रवार को “वतन वापसी के अधिकार” नामक रैली में ज़ायोनी सैनिकों के हाथों 4 फ़िलिस्तीनी शहीद और 645 घायल हुए।
ग़ौरतलब है कि “वतन वापसी के अधिकार” रैली 30 मार्च से शुरु हुयी है जो अभी तक जारी है। 30 मार्च से 20 अप्रैल के बीच ज़ायोनी सैनिकों की फ़ायरिंग में 40 से ज़्यादा फ़िलिस्तीनी शहीद और 4000 से ज़्यादा घायल हुए हैं।
फ़िलिस्तीनियों की यह रैली 30 मार्च 1976 को फ़िलिस्तीनियों की भूमि के इस्राईल द्वारा हड़पे जाने की दुखद घटना की याद दिलाती है।
ज़ायोनी शासन फ़िलिस्तीनियों की ज़मीन को हड़प और वहां ज़ायोनियों के बसाने के लिए कॉलोनियों का निर्माण कर फ़िलिस्तीनी क्षेत्रों की जनांकिकी संरचना को बदलना और इन क्षेत्रों को ज़ायोनी रूप देने की कोशिश में है ताकि इस तरह फ़िलिस्तीनी क्षेत्रों पर अपना वर्चस्व बनाए रख सके।()