मुंबई: शिवसेना के नाम और चुनाव चिन्ह को लेकर चल रही लड़ाई अब सुप्रीम कोर्ट पहुंच चुकी है। सुप्रीम कोर्ट में अब इस मामले की सुनवाई बुधवार को दोपहर 3:30 बजे होगी।
सुप्रीम कोर्ट ने शिवसेना पर अपने दावे को लेकर उद्धव ठाकरे गुट की अर्जी को स्वीकार कर लिया है। इस विवाद में उद्धव ठाकरे गुट की ओर से दायर अर्जी पर सुनवाई हुई। मामले की सुनवाई बुधवार को अदालत में दोपहर 3:30 बजे होनी है।
इससे पूर्व उद्धव ठाकरे ने फैसले को अलोकतांत्रिक बताते हुए कहा कि चुनाव आयोग चुनाव आयुक्तों को भी जजों की तरह ही नियुक्त किया जाना चाहिए। इस सम्बन्ध में उद्धव ठाकरे का कहना है कि उनका सब कुछ छिन गया है लेकिन ठाकरे नाम कोई नहीं छीन सकता।
शिवसेना पार्टी और चुनाव चिन्ह को लेकर चुनाव आयोग के फैसले के खिलाफ उद्धव ठाकरे की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट कल सुनवाई करेगा #ShivSenaRift #SupremeCourt https://t.co/jESJOqbylc
— Live Law Hindi (@LivelawH) February 21, 2023
निर्वाचन आयोग के इस फैसले से नाराज़ पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने रविवार को कहा था कि सभी राजनीतिक दलों को आंखें खुली रखनी चाहिए और चौकन्ना रहना चाहिए। इस फैसले पर उद्धव ठाकरे गुट के नेता संजय राउत का कहना है- ‘सुप्रीम कोर्ट आशा की आखिरी किरण है। इस देश में सभी संस्थाएं खत्म हो गई हैं। लोकतंत्र की हत्या हो गई है, तो अब एक ही आशा है सर्वोच्च न्यायालय।’
बताते चलें कि शुक्रवार को निर्वाचन आयोग ने शिंदे गुट को असली शिवसेना की मान्यता देते हुए उन्हें ‘धनुष बाण’ चुनाव चिह्न आवंटित किये जाने का आदेश दिया था। इस फैसले से उद्धव ठाकरे को झटका लगा है। उद्धव ठाकरे के पिता बालासाहेब ठाकरे ने 1966 में इस पार्टी की स्थापना की थी। आयोग ने उद्धव गुट को शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) नाम तथा चुनाव चिह्न के रूप में ‘जलती मशाल’ रखने की इजाज़त दी है।