नई दिल्ली। कांग्रेस ने यूपी विधान सभा चुनाव 2017 के लिए शीला दीक्षित को सीएम का चेहरा घोषित किया है। संजय सिंह को प्रचार समिति का अध्यक्ष और प्रमोद तिवारी समन्वय समिति का अध्यक्ष बनाया गया है।
गुलाम नबी आजाद ने दिल्ली में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर शीला दीक्षित के नाम की घोषणा की। माना जा रहा है कि उत्तर प्रदेश के 11 फीसदी ब्राह्मणों को लुभाने के लिए शीला दीक्षित कांग्रेस का चेहरा बनाई गई हैं।
यूपी कांग्रेस के इलेक्शन स्ट्रैटजिस्ट प्रशांत किशोर 2017 विधानसभा चुनाव को चौतरफा लड़ाई में तब्दील करने की जुगत में हैं। ऐसे में, सपा-बसपा और बीजेपी पर दबाव बनाने के लिए शीला दीक्षित मुफीद साबित हो सकती हैं।
शीला दीक्षित राजनीति में बड़ा नाम हैं और यूपी में उनकी राजनीतिक जमीन है। उनकी ससुराल यूपी के उन्नाव जिले में है। इसका लाभ उन्हें मिल सकता है। इसके अलावा वह 1984 से लेकर 1989 तक यूपी के कन्नौज सीट से सांसद भी रही हैं। इस दौरान वो केंद्र सरकार में मंत्री भी रहीं।
यूपी में ब्राह्मण कार्ड खेल रही है कांग्रेस
शीला के नाम के एलान ने साबित कर दिया की कांग्रेस यूपी में ब्राह्मण कार्ड खेलना चाहती है। यूपी में कांग्रेस के लिए स्ट्रैटजी तैयार कर रहे प्रशांंत किशोर ने हाईकमान को यूपी चुनाव में ब्राह्मण कार्ड खेलने की राय दी थी।
दरअसल, प्रदेश में तीन दशक पहले तक ब्राह्मण वोट बैंक कांग्रेस का कैडर माना जाता था। यूपी में ब्राह्मण वोट बैंक अच्छा-खासा है। अगर यह पार्टी के पास लौट आया तो सीटों की संख्या बदलने में आसानी होगी। कांग्रेस शीला के ज़रिये अपने इस पुराने वोट बैंक को वापस अपनी ओर लाना चाहती है।