इस्लामाबाद, कश्मीर में जिहाद फैलाने को नवाज शरीफ ने लादेन से 1.5 अरब लिए थे. पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. अभी हाल ही में उनपर पनामा केस को लेकर शिकंजा कसा हुआ है कि अब एक नया मामला सामने आया है. इमरान खान की पार्टी तरहीक-ए-इंसाफ ने आरोप लगाया है कि नवाज शरीफ ने अलकायदा मुखिया ओसामा बिन लादेन से पैसे लिये थे, जिसका उपयोग उन्होंने जिहाद के नाम पर किया था. उसके बाद नवाज ने उस पैसे का उपयोग 1989 में तत्कालीन बेनजीर भुट्टो सरकार के खिलाफ इस्तेमाल किया था.
इंटरव्यू और किताब में कहा गया है कि नवाज शरीफ ने लादेन से लगभग 1.5 अरब रुपये की मदद ली थी. जिसका उपयोग उन्होंने कश्मीर और अफगानिस्तान के इलाकों में जिहाद फैलाने के लिए किया था.
तहरीक-ए-इंसाफ ने यह आरोप कुछ इंटरव्यू और एक किताब के आधार पर लगाए हैं. जिसके तहत 1980 की पाकिस्तान की राजनीति का एक नया इतिहास सामने आया है. कहा जा रहा है कि तहरीक-ए-इंसाफ इस मुद्दे को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका भी दायर कर सकती है. पार्टी ने कहा कि उन्होंने ‘खालिद ख्वाजा: शहीद-ए-अमन’ के आधार पर यह आरोप लगाए हैं.
यह किताब शमामा खालिद के द्वारा लिखी गई है. शमामा पूर्व आईएसआई स्पाई खालिद ख्वाजा की पत्नी हैं. खालिद ख्वाजा की हत्या 2010 में पाकिस्तानी तालिबान के जरिये की गई थी.
पाकिस्तान के पीएम नवाज शरीफ का परिवार भी पनामा पेपर से हुए खुलासों के बाद आरोपों के घेरे में आ गया. यह मुकदमा 1990 के दशक में शरीफ द्वारा धन शोधन कर लंदन में संपत्ति खरीदने का है. शरीफ उस दौरान दो बार प्रधानमंत्री रहे थे. पनामा पेपर्स के अनुसार नवाज शरीफ की बेटी मरियम और बेटों- हसन एवं हुसैन की विदेश में कंपनियां थीं तथा इनके जरिए कई लेनदेन हुए थे. नवाज शरीफ और उनके परिवार ने धनशोधन के आरोपों को खारिज किया और कुछ भी गलत करने से इनकार किया. हालांकि, पाकिस्तान में विपक्षी दलों की यचिका पर सुप्रीम कोर्ट में मामले की सुनवाई शुरू हुई.