नई दिल्ली : बाबरी मस्जिद विध्वंस केस में सुनवाई दो हफ़्तों के लिए टल गई है। सुप्रीम कोर्ट को आज (23 मार्च) ये तय करना था कि बाबरी मस्जिद विध्वंस में बीजेपी के वरिष्ठ नेता लाल कृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, उमा भारती, कल्याण सिंह, विनय कटियार और अन्य पर आपराधिक साजिश रचने के मामले में फिर से मुकदमा चलाया जाए या नहीं। सुप्रीम कोर्ट ने आज (23 मार्च) सभी पक्षों को कहा कि वे लिखित हलफनामा कोर्ट में पेश करें। Sc
इसके बाद अप्रैल 6 को अदालत अगली सुनवाई करेगी। 22 मार्च को भी अदालत ने एक दिन के लिए इस मुकदमे की सुनवाई टाल दी थी।
बता दें कि इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 21 मई 2010 को इन नेताओं को बाबरी मस्जिद विध्वंस में आपराधिक साजिश रचने के आरोप से बरी कर दिया था।
सीबीआई और हाजी महबूब ने सुप्रीम कोर्ट में इलाहाबाद हाई कोर्ट के इस फैसले को चुनौती दी थी।
इससे पहले 6 मार्च की सुनवाई को सुप्रीम कोर्ट ने टिप्पणी ने की थी कि सिर्फ तकनीकी आधार पर आरोपियों को बरी किये जाने को अदालत स्वीकार नहीं करेगा और कोर्ट पूरक चार्जशीट दायर करने की अनुमति देने के पक्ष में हैं।
6 मार्च को अपनी टिप्पणी में अदालत ने आडवाणी, जोशी, उमा भारती और अन्य से आपराधिक साजिश के आरोप हटाने के आदेश के रिव्यू को विकल्प अपने पास रखा था।
अगर इस केस में सुप्रीम कोर्ट आडवाणी समेत दूसरे नेताओं के खिलाफ फैसला देती है तो उन पर बाबरी मस्जिद विध्वंस के लिए साजिश रचने का मुकदमा फिर से चल सकता है।