सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान (एमबीएस) ने पत्रकार जमाल ख़ाशुक़जी की हत्या की ज़िम्मेदारी स्वीकार कर ली है।अगले हफ़्ते पीबीएस से प्रसारित होने वाली द्स्तावेज़ी फ़िल्म में मोहम्मद बिन सलमान ने ख़ाशुक़जी की हत्या की ज़िम्मेदारी स्वीकार करते हुए कहा है कि तुर्की के शहर इस्तांबुल में स्थित सऊदी कांउसलेट में यह हत्या उनकी निगरानी में की गई थी, इसलिए वह इसकी ज़िम्मेदारी स्वीकार करते हैं।
“सऊदी क्राउन प्रिंस” डॉक्यूमेंटरी फ़िल्म पहली अक्तूबर को ख़ाशुक़जी की पहली बरसी के अवसर पर पीबीएस चैनल से प्रसारित होगी।वाशिंगटन पोस्ट के लिए लिखने वाले सऊदी पत्रकार ख़ाशुक़जी की 2 अक्तूबर 2018 को सऊदी कांउसलेट में बेहरमी से हत्या कर दी गई थी और उनके शव के टुकड़े टुकड़े करके सऊदी हत्यारी टीम अपने साथ ले गई थी।
पार्स टुडे डॉट कॉम के अनुसार, तुर्क सरकार और अमरीकी ख़ुफ़िया एजेंसी सीआईए ने इस हत्या का आरोप मोहम्मद बिन सलमान पर लगाया था, लेकिन उन्होंने इन आरोपों को ख़ारिज कर दिया था।
सऊदी पत्रकार की हत्या को लेकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर रोष व्यक्त किया गया था, जिससे विश्व में सऊदी अरब की साख बुरी तरह प्रभावित हुई थी और कई बड़ी अंतरराष्ट्रीय कंपनियों ने तेल से समृद्ध इस देश के साथ व्यापार करने से इनकार कर दिया था।उसके बाद से सऊदी क्राउन प्रिंस ने अमरीका या किसी यूरोपीय देश की यात्रा नहीं की है। क्राउन प्रिंस ने अपनी स्वीकारोक्ति में कहा है, “मेरी निगरानी में ऐसा हुआ, मैं इसकी पूरी ज़िम्मेदारी स्वीकार करता हूं, इसलिए कि ऐसा मेरी निगरानी में हुआ।”
हालांकि शुरू में एमबीएस और दूसरे सऊदी अधिकारियों ने इस घटना की जानकारी होने से ही इनकार कर दिया था, लेकिन उसके बाद सरकारी अभियोजक ने कहा था कि ख़ुफ़िया एजेंसी के उप प्रमुख ने इस हत्या का आदेश दिया था।प्रोफ़ेसर महजूब ज़वीरी ने अल-जज़ीरा से बात करते हुए कहा, मोहम्मद बिन सलमान यह समझते हैं कि इस स्वीकारोक्ति से विश्व समुदाय के लिए यह संदेश जाएगा कि वे एक एक शासक हैं, जो अपनी ज़िम्मेदारियों को स्वीकार करते हैं, लेकिन उसके आधार पर उन्हें एक अपराधी नहीं समझा जाना चाहिए।सऊदी क्राउन प्रिंस ने ऐसे वक़्त में यह ज़िम्मेदारी स्वीकार की है, जब सऊदी अरब को घरेलू और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर लगातार कई झटके लगे हैं। यमनियों ने सऊदी तेल प्रतिष्ठानों पर ड्रोन हमला करके सऊदी अरब के तेल उत्पादन को आधा कर दिया है, यूएई ने यमन में अपनी सैन्य भूमिका में काफ़ी कमी कर दी है और अमरीका और सऊदी अरब के रिश्तों में कुछ सर्दी देखने को मिल रही है।
इसी महीने के शुरू में तुर्क एक तुर्क अख़बार ने ख़ाशुक़जी की हत्या के दौरान रिकॉर्ड की गई ऑडियो क्लिप जारी कर दी थी। तुर्की की ख़ुफ़िया एजेंसी ने यह ऑडियो रिकार्ड की थी, जिसमें हत्या से पहले 15 सदस्यीय हत्यारे दल से ख़ाशुक़जी की बातचीत दर्ज है।
हत्या से 10 मिनट पहले मोहम्मद बिन सलमान के बॉडीगार्ड और सऊदी ख़ुफ़िया एजेंसी के वरिष्ठ अधिकारी मेहर अब्दुल अज़ीज़ मुतरिब को ख़ाशुक़जी से कहते हुए सुना जा सकता है, अपने बेटे को संदेश दो कि अगर वह उन तक नहीं पहुंच सके तो परेशान होने की ज़रूरत नहीं है।
ख़ाशुक़जी ने जब ऐसा कोई संदेश देने से इनकार किया तो मुतरिब ने कहा, इसे लिखकर दो जमाल, जल्दी करो, हमारी मदद करो ताकि हम तुम्बारी मदद कर सकें, इसलिए कि आख़िरकार हम तुम्हें सऊदी अरब ले जायेंगे, लेकिन अगर तुमने सहयोग नहीं किया तो तुम जानते हो कि क्या होने वाला है।उसके बाद हत्यारे ख़ाशुक़जी को घसीटते हैं। मरने से पहले उनके आख़िरी शब्द थेः मुझे दमा की बीमारी है। ऐसा मत करो, तुम मेरा दम घोट रहे हो। उसके बाद उनके शवों को टुकड़े करने की आवाज़ सुनी जा सकती है, और यह प्रक्रिया 30 मिनट तक जारी रहती है।