सिस्टिन चैपल स्थित चिमनी से सफेद धुंआ बरामद होते ही यह भी स्पष्ट हो गया कि रोमन कैथोलिक चर्च को नए पोप मिल चुके हैं।
दुनिया को रॉबर्ट प्रीवोस्ट के रूप में नया पोप मिल गया है। रोमन कैथोलिक इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ जब किसी अमरीकी कार्डिनल को पोप चुना गया है।
नए पोप के चुनाव के लिए 133 कार्डिनल्स ने वोट डाले। इस जीत के लिए कम से कम 89 वोट मिलना जरूरी होता है। सेंट पीटर्स स्क्वायर में जमा भीड़ उस समय जश्न मानाने लगी जब सफेद धुआं बाहर आया।
पोप चुने जाने के बाद पोप लियो XIV ने अपनी पहली प्रतिक्रिया में शांति की अपील की। उन्होंने कहा कि ‘शांति आपके साथ हो’। बताते चलें कि रॉबर्ट प्रीवोस्ट को अब पोप लियो XIV के नाम से जाना जाएगा।
अमरीकी कार्डिनल रॉबर्ट प्रीवोस्ट की आयु 69 वर्ष है। शिकागो में जन्मे कार्डिनल प्रीवोस्ट को इस उम्र में चना जाना पोप के पद के लिए बहुत कम उम्र माना जा सकता है। पोप ऑगस्टिनियन ऑर्डर के सदस्य रहे हैं।
बताते चलें कि कैथोलिक ईसाइयों के नए आध्यात्मिक नेता कार्डिनल रॉबर्ट प्रीवोस्ट अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और अमरीकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस के आलोचक बनकर सामने आए हैं।
नवनिर्वाचित पोप ने हाल ही में सोशल मीडिया पर ट्रंप प्रशासन की इमिग्रेशन नीतियों की आलोचना करते हुए एक पोस्ट साझा की थी। यह पोस्ट अमरीकी नेताओं की इमिग्रेशन नीतियों के बारे में एक नैतिक प्रश्न उठाती है।
जब रॉबर्ट प्रीवोस्ट शिकागो के कार्डिनल थे, तो उन्होंने सोशल मीडिया पर तीन पोस्ट साझा किए थे, जिनमें ट्रंप की इमिग्रेशन नीति और जे.डी. वेंस के धार्मिक विचारों पर सवाल उठाए गए थे।
नये पोप ने 2024 में अपने एक्स अकाउंट पर पोस्ट करने से काफी हद तक परहेज किया है, हालांकि उन्होंने 2011 से अंग्रेजी और स्पेनिश में कई पोस्ट किए हैं।
निश्चित रूप से उनके अंदर इस भूमिका को निभाने वाले विलक्षण गुण हैं। दो वर्ष पूर्व, पोप फ्रांसिस ने प्रीवोस्ट को मार्क ओउलेट की जगह वेटिकन के बिशपों के लिए डिकास्टरी का प्रीफेक्ट चुना था। इस ज़िम्मेदारी के साथ उन्हें अगली पीढ़ी के बिशपों को चुनने का काम सौंपा गया था।
रॉबर्ट प्रीवोस्ट ने पेरू में आर्कबिशप बनने से पहले कई साल तक एक मिशनरी के तौर पर काम किया। प्रीवोस्ट को उन्हें एक सुधारक के रूप में देखा जाता है, लेकिन 69 पेरू में आर्कबिशप के रूप में उनका कार्यकाल यौन शोषण के दावों को छिपाने के आरोपों से भी घिरा रहा।