समय बहुत ज्यादा परिवर्तनशील है, समय के पहिये के साथ साथ सब बदल रहा है, मनुष्य ने अपने जैसे हुबहू कलाकृति बनायीं जिसे रोबो नाम दिया गया,
रोबो जो आम मनुष्य के जैसे खाना नहीं खा सकते, सांस नहीं ले सकते परन्तु सक्षम होते हैं हर कामो में, उन्हें इस प्रकार से बनाया जाता है की वह कार्य की तुलना से इंसानों से कई ज्यादा निपूर्ण किये जाते हैं.
ऐसी ही एक रोबो है सोफिया, जो नागरिकता पाने के लिए काफी सुर्खियाँ बटोर चुकी है.
सोफिया रोबोट
हॉन्गकॉन्ग की कंपनी हैंसन रोबोटिक्स ने सोफिया रोबोट को बनाया है, एक ऐसा रोबोट जिसे रोबोटिक्स की दुनिया में नागरिकता मिली है, सोफिया सऊदी अरब की नागरिकता पाने वाली पहली रोबोट हैं और साथ में रोबोट की दुनिया में नागरिकता पाने वाली पहली रोबोट भी.
सोफिया को सऊदी अरब में महिलाओं से ज्यादा अधिकार प्राप्त हैं, सऊदी अरब में महिलाओं को कुछ भी कार्य करने के लिए पुरुष अभिभावक की इजाजत की जरुरत होती है, परन्तु सोफिया को किसी पुरुष अभिभावक की जरुरत नहीं है, वह अपने इंटरव्यू देने भी अकेले ही जाती है वह सरे कार्यों में निपूर्ण है.
सोफिया पहली बार 19 अप्रैल 2015 को एक्टिव हुई थी, यह रोबो मानव जैसे दिखने के लिए और मानवों जैसे व्यवहार के लिए दुनिया भर में मशहूर हुई है और यह अस्तित्व में तब आई जब इसके व्यवहार को देख कर इसे नागरिकता दी गयी.
यह अपने दैनिक कार्यों के साथ साथ सबको हैरान कर देने वाले जवाब भी देती है, सोफिया ने अब तक कई सरे इंटरव्यू भी दिए हैं.
सोफिया न सिर्फ चेहरे पर आने वाले एक्सप्रेशंस अच्छी तरह पहचान सकती है बल्कि यह किसी के भी साथ नॉर्मल बातचीत कर सकती है, इसमें इंसान की तरह अलग-अलग इमोशंस हैं. हमारी आंखें तेज या धीमी रोशनी के हिसाब से बदलती हैं, वैसी ही सोफिया की भी बनाई गई हैं, यह टॉक शो में ‘रॉक, पेपर, सीजर’ गेम जीत चुकी है
सिटिजनशिप मिलने पर रोबोट सोफिया ने शुक्रिया अदा करते हुए कहा, “मैं इस गौरव पर काफी सम्मानित महसूस कर रही हूं पहली बार रोबोट को सिटिजनशिप से पहचाना जाना ऐतिहासिक है, मैं लोगों के बीच भरोसा बढ़ाने का काम करूंगी.
सोफिया की इंटेलिजेंस सॉफ्टवेर SingularityNET द्वारा डिज़ाइन किया गया.
हाल में एक सम्मेलन में हिस्सा लेते हुए सऊदी अरब के क्राउंन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने कहा था कि देश को आधुनिक बनाने की योजना के तहत वो उदार इस्लाम की वापसी चाहते हैं. रोबोट सोफ़िया इंसानों के बीच उन्हीं की तरह रहने के लिए बनाई गई है.
रोबोट के आने से इंसानों को खतरा
रोबोट के आने से इंसानों को तो खतरा हो ही रहा है, उनकी नौकरियों को सबसे बड़ा खतरा हो रहा है, अमीरात में तो अब कई जगह होटल में रोबोट की ही तलाश की जा रही है, जैसे संयुक्त राज्य अमेरिका में भी ड्राईवरलेस गाड़ियां आती हैं, रोबोटो के आने से इंसानों की नौकरी ही नहीं उनके अस्तित्व पर भी खतरा मंडरा रहा है. इन्सान ने अपने दिमाग का इतना अच्छा इस्तेमाल कर जो यह कृत्रिम मानव बनाया है यह कल को ही उसके विनाश का कारण बन सकता है.
जहाँ रोबोट आज नौकरियां छीन रहा है कल को उसकी जान छीन सकता है, भारतीय फिल्म रोबोट में भी दिखाया गया है की कैसे एक रोबोट अपनी एक जिद के कारण कई मासूम जानो के साथ खेलता है, आज सऊदी अरब ने एक रोबोट को नागरिकता दी है, कल को अगर वही रोबोट जिद करे की उसे किसी नार्मल व्यक्ति के साथ शादी करनी है तो क्या सऊदी अरब उसे स्वीकार करेगा?
या कोई भी देश, आज सऊदी अरब ने नागरिकता दी है कल को कोई और देश नागरिकता देगा और ऐसा न हो क इकल को रोबोटस का कोई अलग ही देश हो, आज खुद मानव रोबोट को मानव से ज्यादा तवज्जो दिए जा रहा है.