नोटबंदी के ऐलान से चंद घंटे पहले रिज़र्व बैंक ने मोदी सरकार से साफ कह दिया था कि इससे न तो कालेधन पर असर पड़ेगा और न ही फर्जी नोटों पर रोक लग सकेगी। साथ ही यह चेतावनी भी दी थी कि इससे अर्थव्यवस्था बुरी तरह चरमरा जाएगी।
ये सारा खुलासा हुआ आरटीआई के जवाब में जिसे कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने सोमवार को जारी किया। सात पन्ने के इस खुलासे से सामने आया कि नोटबंदी के ऐलान के चंद घंटे पहले हुई आरबीआई की बैठक में कहा गया था कि देश में कालेधन का बड़ा हिस्सा नकद के बजाए रियल एस्टेट यानी जमीन-जायदाद में लगाया गया है।
ऐसे में नोटबंदी करने से कालेधन पर और जमीन-जायदाद पर कोई असर नहीं पड़ने वाला। इस बैठक में आरबीआई के तत्कालीन गवर्नर उर्जित पटेल के साथ ही मौजूदा गरवर्नर शक्तिकांत दास भी मौजूद थे।
इसी बैठक में आरबीआई के डायरेक्टर्स ने कहा था कि सिर्फ 400 करोड़ रुपए के फर्जी नोट बाजार में हैं, जबकि कुल नकदी 15 लाख करोड़ के आसपास है। ऐसे में यह रकम बेहद छोटी है और इससे कोई फर्क नहीं पड़ने वाला।
बैठक में एक और निष्कर्ष निकाला गया छा कि नोटबंदी से दिहाड़ी मजदूर, होटलों और टैक्सी चलाने वालों समेत बस, ट्रेन और हवाई यात्रा करने वालों पर सबसे पहले और ज्यादा असर पड़ेगा।