गाजा में इजरायली बंधकों के रिश्तेदारों ने इजरायली संसद में चल रही बैठक पर धावा बोल दिया।
विदेशी मीडिया के अनुसार, हमास द्वारा बंधक बनाए गए इजरायलियों के रिश्तेदारों ने सोमवार को येरुशलम में वित्त पर संसदीय समिति की बैठक में हंगामा किया और सांसदों से अपने प्रियजनों को मुक्त कराने के लिए कदम उठाने की मांग की।
प्रदर्शनकारी सुरक्षा बाड़ को तोड़ कर हाथों में अपने प्रियजनों की तस्वीरें लेकर संसद भवन में समिति की बैठक कक्ष में घुस गये।
रिश्तेदारों ने प्रधान मंत्री बेंजामिन नेतन्याहू द्वारा हमास के साथ समझौता करने से लगातार इनकार करने पर अपना आक्रोश व्यक्त करते हुए तेज आवाज़ में कहा- “आप सभी अभी अपनी कुर्सियों से उठें”।
प्रदर्शनकारियों ने कहा- “आप यहां नहीं बैठेंगे, जब हमारे बच्चे वहां मर रहे हैं।” परिजनों का गुस्सा सरकारी इमारतों तक ही सीमित नहीं है। बंधकों के रिश्तेदारों और समर्थकों ने रविवार रात एक बार फिर पश्चिमी येरुशलम में नेतन्याहू के आवास के पास रैली की।
बंधकों के रिश्तेदार, सरकार अपनी भूमिका निभाने, एक समझौते का प्रस्ताव करने, इसे सफल निष्कर्ष पर लाने और शेष बंधकों को जीवित वापस लाने की बात पर ज़ोर दे रहे हैं।
Families of Israeli hostages storm Knesset parliament meeting https://t.co/BiJsQeLYB5
— BBC News (World) (@BBCWorld) January 22, 2024
रविवार को, नेतन्याहू ने युद्ध समाप्त करने और बंधकों को रिहा करने के लिए हमास द्वारा प्रस्तुत शर्तों को खारिज कर दिया, जिसमें इज़राइल की पूर्ण वापसी और गाजा में हमास को सत्ता में छोड़ना शामिल था।
इसके बाद, बंधकों और लापता व्यक्तियों के परिवार फोरम ने नेतन्याहू से मांग की कि “स्पष्ट रूप से कहें कि हम अक्टूबर की पराजय में अपहृत नागरिकों, सैनिकों और अन्य लोगों को नहीं छोड़ेंगे”।
एक बयान में कहा गया- “अगर प्रधानमंत्री बंधकों की बलि देने का फैसला करते हैं, तो उन्हें नेतृत्व दिखाना चाहिए और ईमानदारी से इजरायली जनता के साथ अपनी स्थिति साझा करनी चाहिए।”
इज़राइल का कहना है कि 7 अक्टूबर को हमास के हमलों के दौरान अपहृत किए गए 130 से अधिक लोग लापता हैं, नवंबर के अंत में छह दिवसीय युद्धविराम के दौरान हमास ने 100 से अधिक बंधकों को मुक्त कर दिया है।