नई दिल्ली। कांग्रेस में बगावत कर भाजपा में शामिल हुए हरक सिंह रावत की मुश्किलें बढ़ना अब तय है। एक बार फिर हरक सिंह के खिलाफ दिल्ली में दुष्कर्म का मामला दर्ज हुआ है। कांग्रेस में बगावत कर भाजपा में शामिल हुए हरक सिंह रावत पर शुक्रवार रात दिल्ली के सफदरजंग थाने में यह मामला दर्ज किया गया है।
पुलिस के मुताबिक उत्तराखंड के पूर्व मंत्री हरक सिंह रावत पर सफदरजंग थाने में 32 वर्षीय युवती ने दुष्कर्म करने का आरोप लगाया है। मामला दर्ज करने के बाद दिल्ली पुलिस मामले की जांच में जुटी है। दिल्ली पुलिस सूत्रों के मुताबिक पुलिस बहुत जल्द हरक सिंह रावत से इस मामले में पूछताछ करने की तैयारी कर रही है।
हरक सिंह रावत का विवादों से पुराना नाता रहा है। 2003 का चर्चित जैनी प्रकरण हो या 2014 में मेरठ की रहने वाली महिला के कथित उत्पीड़न का मामला हो, हरक सिंह का नाम ऐसे विवादों से जुड़ा रहा है। इस मामले को जैसे-तैसे रफादफा करने के आरोप भी हरक सिंह पर लगे थे।
2003 चर्चित जैनी प्रकरण: 2003 में एनडी तिवारी की सरकार में भी हरक सिंह को चर्चित जैनी प्रकरण की वजह से मंत्री पद गंवाना पड़ा था। उस वक्त जैनी नाम की महिला ने एक बच्चे को जन्म दिया था। जैनी ने हरक सिंह रावत पर आरोप लगाते हुए कहा था कि हरक सिंह रावत ही उसके बच्चे के पिता हैं। जैनी ने आरोप लगाया था कि हरक सिंह ने काम दिलाने के नाम पर उसका शारीरिक शोषण किया है। इस मामले में डीएनए टेस्ट भी कराया गया था, लेकिन डीएनए रिपोर्ट कभी सार्वजनिक नहीं की गई। बाद में जैसे-तैसे यह मामला रफादफा कर दिया गया।
उत्तराखंड में 2012 के विधानसभा में बहुमत मिलने के बाद हरक सिंह ने कहा कि वे मंत्री पद को जूते की नोक पर रखते हैं। उनके इस बयान के बाद काफी विवाद हुआ था। जाहिर है उस वक्त हरक सिंह मुख्यमंत्री बनने के ख्वाब भी देख रहे थे। इसके बाद विजय बहुगुणा मुख्यमंत्री बने और हरक सिंह को मंत्री पद स्वीकारना पड़ा।
बहुगुणा सरकार में ही हरक सिंह रावत पर ऑफिस ऑफ प्रोफिट का आरोप का आरोप लगा। कईं दिनों तक यह मामला अखबारों की सुर्खियां बना। हरक सिंह विपक्ष के निशाने पर रहे। तब विपक्षी भाजपा ने हरक सिंह का इस्तीफा मांगा था। जैसे तैसे तत्कालीन सीएम विजय बहुगुणा ने इस विवाद को शांत किया।