नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता राम माधव पासपोर्ट मामले में सोशल मीडिया पर ट्रोल का शिकार हो रहीं विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के बचाव में आगे आए हैं।
राम माधव ने एक समाचार पत्र में लिखे लेख में कहा कि उन्हें (विदेश मंत्री) को बेगम सुषमा कहना या उनकी सेहत एवं गुर्दे पर खराब टिप्पणियां करना या एक रिटायर्ड प्रोफेसर द्वारा उनके पति को उन्हें पीटने के लिए कहना, ये सब बहुत निचले स्तर की बदतमीजी है।
ये सब उस नेता को कहा गया जिसने चार दशक से अधिक समय से राष्ट्रवाद की खातिर हमारी उतार चढ़ाव भरी राजनीति में उन लोगों की तुलना में बहुत उच्च स्थान हासिल किया जो इसी विचारधारा से जुड़े रहने का दावा करते हैं।
माधव ने अपने लेख में इस मामले को मोड़ देते हुए कहा कि सोशल मीडिया पर सक्रिय लोगों को स्वराज पर निशाना साधने की बजाय कठमुल्लाओं को कठघरे में खड़ा करना चाहिए।
उन्होंने कहा कि दुर्भाग्य से इस मामले में एक महिला जिसने खुल कर कहा कि वह हिन्दू रहना चाहती है, उसे खलनायिका बना दिया गया और जिस मुल्ला से उसका नाम बदला उसे हीरो बना दिया गया।
इस लेख में कहा गया कि तन्वी सेठ के मामले में निकाहनामा में उनका नाम सादिया दर्ज किया गया जबकि अन्य सभी पहचान सम्बंधी दस्तावेकाों आधार कार्ड, बैंक खातों आदि में उनका नाम तन्वी सेठ दिया गया है।
इस मामले में संदेह का लाभ तन्वी को यह मिलता है कि उसने मुस्लिम व्यक्ति से शादी करने के बावजूद अपनी हिन्दू पहचान बनाए रखने का फैसला किया।
उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया पर सक्रिय लोगों को उन कठमुल्लों पर निशाना साधना चाहिए जो निकाहनामा दूसरे नाम से लिख रहे हैं और उन अधिकारियों को देखना चाहिए जो फर्जी दस्तावेकाों को संज्ञान में लेते हैं और अन्य सभी वैध दस्तावेकाों को दरकिनार कर देते हैं।
अंतरधार्मिक विवाह सम्बंधों को लेकर उन्होंने कहा कि सार्वजनिक जीवन में बहुत से प्रतिष्ठित लोग हैं और कई भाजपा में भी हैं। यह हमारे सर्वसिद्धांत को स्वीकार करने वाले भारतीय समाज एवं संस्कृति का गौरवशाली उदाहरण है।