नई दिल्ली : दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल चाहते हैं कि उनके निजी मुकदमे पर हुआ खर्च जनता के पैसे से वहन हो. DDCA मामले में वित्तमंत्री अरुण जेटली ने केजरीवाल के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर किया था. Ram jethmalani
बचाव में केजरीवाल ने वकीलों की पूरी फौज उतार दी, जिनमें वरिष्ठ वकील राम जेठमलानी भी हैं.
अब जेठमलानी ने अपनी फीस के तौर पर 3 करोड़ 80 लाख का बिल भेजा है, जिसे उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने दस्तखत कर उप- राज्यपाल की मंजूरी के लिए भेज दिया है.
आम आदमी पार्टी के कुछ नेताओं का दावा है कि जेठमलानी ने शुरू में केजरीवाल के लिए मुफ्त में केस लड़ने की बात कही थी, लेकिन मुकदमा हाथ में लेने के करीब 9 महीने बाद उन्होंने बिल भेजने शुरू कर दिए.
इस मामले पर बीजेपी ने सीएम अरविंद केजरीवाल को आड़े हाथ लिया है. बीजेपी के नेता प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि पहले कहते थे कि गाड़ी नहीं लेंगे, बंगला नहीं लेंगे, आप जनता पर वकील का बोझ डालकर उसे लूट रहे हैं. ये केस सीएम या सरकार पर नहीं है. ये निजी केस है, फीस भी उन्हें देनी चाहिए. जनता के पैसे की लूट कतई मंजूर नहीं है.
इस पूरे मामले पर AAP का क्या कहना है :-
- 15 दिसंबर को केजरीवाल के घर नहीं, दिल्ली सीएम के दफ़्तर पर छापा पड़ा था….
- मानहानि का नोटिस AAP संयोजक नहीं, सीएम केजरीवाल के नाम
- बहस के दौरान जेटली ने भी कहा, सीएम केजरीवाल को नोटिस
- सीएम के खिलाफ मुकदमा, इसी वजह से दिल्ली सरकार कर रही है भुगतान
इस पर कांग्रेस की नेता शर्मिष्ठा मुखर्जी ने कहा कि लगता है अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी जनता के फंड और प्राइवेट फंड में कुछ अंतर नहीं समझते हैं.
इस केस में दिल्ली की जनता का पैसा क्यों लगना चाहिए. ये करप्शन नहीं है कि अपने पर्सनल काम के लिए दिल्ली की जनता का पैसा प्रयोग करने की कह रहे हैं.