केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख़ के पर्यावरण कार्यकर्ता सोनम वांगचुक अनशन पर हैं। उनके अनशन के दो सप्ताह पूरे होने वाले हैं।
पर्यावरण कार्यकर्ता सोनम वांगचुक लद्दाख के पूर्ण राज्य का दर्जा दिए जाने के साथ संविधान की छठी अनुसूची लागू करने की मांग कर रहे हैं।
बीते दिन सोनम वांगचुक ने क्लाइमेट फास्ट के 12वें दिन देशवासियों से एकजुटता का आह्वान किया था। उनके आह्वान पर हजारों की संख्या में जुटे लोगों ने लेह में अनशन के साथ उनकी मांगों के समर्थन मैं अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। रविवार को होने वाला ये आंदोलन शांतिपूर्ण तरीके से चला।
लेह के नवांग दोरजे मेमोरियल पार्क में अनशन करने वाले वांगचुक यहाँ छह मार्च से अपनी मांगों को पूरा किये जाने की गुहार लगा रहे हैं। गौरतलब है कि केंद्र सरकार द्वारा उनकी मांगों की विफलता के बाद वांगचुक अनशन पर बैठे थे।
बताते चलें कि इन मांगों में संविधान की छठी अनुसूची के साथ पूर्ण राज्य की मांग तथा लद्दाख में एक और संसदीय सीट का इज़ाफ़ा करने के अलावा पब्लिक सर्विस कमीशन को लद्दाख में क़ायम करने जैसी मांगे शामिल हैं।
लेह का मौसम इस समय बेहद ठंडा है। यहाँ तापमान शून्य से नीचे है मगर प्रदर्शन में हिस्सा लेने वालों का जोश इनकी संख्या हर दिन बढ़ा रहा है।
लद्दाख में किन मांगों के साथ अनशन कर रहे हैं सोनम वांगचुक https://t.co/YXA7AwBcm2
— BBC News Hindi (@BBCHindi) March 18, 2024
पिछले माह तीन फरवरी को भी लेह में छठी अनुसूची को लागू करने की मांग को लेकर एक बड़ा प्रदर्शन किया गया था। बर्फीली ठंड के बाद भी इस प्रदर्शन में हज़ारों लोगों ने हिस्सा लेकर केंद्र सरकार के खिलाफ अपनी नाराज़गी ज़ाहिर की थी।
प्रदर्शन के दौरान लद्दाख़ बंद रहा। उस समय कारगिल डेमोक्रेटिक अलायन्स (केडीए) तथा अपेक्स बॉडी लेह (एबीएल) ने बंद और प्रदर्शन की अपील की थी।
केडीए और एबीएल स्थानीय धार्मिक और राजनीतिक संगठन हैं, जो लद्दाख की चार मांगों को लेकर अपना आंदोलन जारी रखे हैं।
एक प्रेसवार्ता के माध्यम से कारगिल डेमोक्रेटिक अलायंस ने कहा है कि सोनम वांगचुक के समर्थन में 20 मार्च को एक रैली निकाली जाएगी और आधे दिन का बंद रखा जाएगा। सोनम वांगचुक का कहना है कि जरूरत पड़ने पर 21 दिन के उपवास को बढ़ाया जा सकता है।